नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): धरती की तरफ काफी तेजी से एक विशाल क्षुद्रग्रह एपोफिस (Apophis asteroid) बढ़ रहा है। एपोफिस मिस्र के एक देवता का नाम है। जिनके पास अंधेरे और तबाही के ताकत होती है। जिस दिशा में ये आगे बढ़ रहा है। उसका कैलकुलेशन कर नासा ने बताया है कि ये आज 1:15 बजे जीएमटी के आसपास पृथ्वी की पिछली कक्षा से काफी नज़दीकी तौर पर गुजर सकता है।
इस क्षुद्रग्रह की खोज 2004 में हुई थी। इसकी तलाश स्पेस साइंटिस्ट काफी समय से थी। एपोफिस का आकार 1,200 फीट पर आंका गया है। इससे पहले ये कहा गया था कि साल 2029 में धरती पर विनाश की संभावित 30 प्रबल संभावनाओं में से ये एक है। दूसरे समीकरणों के मुताबिक साल 2026 में इसके तबाही मचाने की भी बात कहीं गयी है। क्षुद्रग्रह ने 2029 में पृथ्वी को मारने के तीस बदलावों में लगभग एक और 2026 में प्रभाव की संभावना कम है। हालांकि, नासा लगातार इसकी ट्रैजक्ट्री की मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग कर रहा है।
नासा के CNEOS एस्ट्रायड-ट्रैकिंग डेटाबेस (Astroid-tracking database) के मुताबिक एपोफिस पृथ्वी से कम से कम 10 मिलियन मील की दूरी से गुजरेगा। ये सूर्य के चारों ओर पथ पर आगे बढ़ना जारी रखेगा। नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट को करीब से देखने के लिए आम लोग टेलीस्कोप का उपयोग कर सकते हैं। यूरोपीय वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट (European Virtual Telescope Project) इसके लिए मुफ्त लाइवस्ट्रीम करेगा। इसका वज़न 67 मिलियन टन और रफ्तार 3.5 मील प्रति सेकंड बतायी जा रही है। इसे तबाही और कयामत लाने वाला बताया गया है। माना जा रहा है कि साल 2068 में इसकी पृथ्वी से संभावित टकराव हो सकता है।
नासा की गणनाओं के मुताबिक अगर ये धरती से टकराता है तो 1,200,000 किलोटन किलोनेटिक की इनर्जी रिलीज़ करेगा। गौरतलब है कि 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम की ताकत महज़ 15 किलोटन टीएनटी थी। द सन में छपी नासा के ड्वेन ब्राउन की एक रिपोर्ट में हवाला दिया गया है कि मौजूदा कैलकुलेशन से पता चलता है कि आने वाले कई दशकों तक एपोफिस द्वारा धरती को नुकसान पहुँचाने की संभावित हालात 1 लाख से भी कम है। भविष्य में इसकी स्थिति को आंककर किसी भी संभावित प्रभावों का पता लगाने की उम्मीद की जा सकती है।