न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): एक सैन्य हेलीकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन के साथ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का अहम ओहदा खाली हो गया है। शीर्ष सूत्रों के हवाले से आ रही खब़रों के मुताबिक मोदी सरकार अगले सात से दस दिनों में नये सीडीएस की नियुक्ति पर विचार कर रही है।
जनरल बिपिन रावत के निधन के साथ सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Chief of Army Staff General Manoj Mukund Naravane) अब देश के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी बन गये हैं। सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती (Deputy Chief Lt Gen CP Mohanty) और उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी (Northern Army Commander Lt Gen YK Joshi) इस फेहरिस्त में सबसे सीनियर अधिकारी है।
जनरल बिपिन रावत जनवरी 2020 में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बने। साल 2019 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि सीडीएस का एक ओहदा बनाया जायेगा जो कि तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुख के ऊपर होगा।
सामने आया रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज (9 दिसंबर 2021) लोकसभा में सुबह करीब 11:15 बजे इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि हादसे में दिवगंत हुए सभी लोगों को सर्वोच्च सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जायेगी। आज सभा तक बिपिन रावत का पार्थिव शरीर (Mortal Remains) आज (9 दिसंबर 2021) दिल्ली लाया जायेगा। मामले की जांच के लिये विशेष जांच टीम की तैनाती कर दी गयी है। इस जांच में सेना के तीनों अंगों के जांच अधिकारी शामिल होगें। घटना के तुरन्त बाद ही जांच टीम में शामिल अधिकारियों ने छानबीन करने के लिये मोर्चा संभाल लिया है। इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह (Group Captain Varun Singh) को विलिंगटन के सैन्य अस्पताल (Military Hospital of Willington) में गहन चिकित्सा जांच में रखा गया है और उन्हें हर मुमकिन इलाज़ मुहैया करवाया जायेगा।
CDS बनने के लिये जरूरी है ये योग्यता और मानदंड
- सशस्त्र बलों का कोई भी कमांडिंग ऑफिसर या फ्लैग ऑफिसर नियमों के अनुसार इस पद के लिये पात्र हैं।
- आम तौर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के लिये ऊपरी आयु सीमा 65 वर्ष निर्धारित की गयी है।
- शेकटकर समिति की सिफारिश में कहा गया है कि सरकार को तीनों सेना प्रमुखों में से सीडीएस का चयन करना चाहिये।
- सुरक्षा प्रतिष्ठान में कई लोगों का मानना है कि सीडीएस की पहली दो या तीन नियुक्तियां सेना से होनी चाहिये। ऐसा इसलिए है क्योंकि देश जिन सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनमें से खासतौर से मुख्य चुनौतियां दो सीमाओं से मिल रही है।
- जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में जनरल रावत का अनुभव उन्हें सीडीएस के पद पर नियुक्त करने का अहम कारण था।
- जनरल रावत ने दो शीर्ष जनरलों, लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज को पीछे छोड़कर इस पद पर आसीन हुए थे।
बता दे कि नए सीडीएस की घोषणा ऐसे समय में और महत्वपूर्ण हो जाती है जब भारत चीन के साथ सीमा गतिरोध में बंद है।