नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जारी रिपब्लिक टीवी के संस्थापक संपादक अर्नव गोस्वामी (Arnab Goswami) की कथित व्हाट्सएप चैट की आग अब पाकिस्तान तक पहुंच चुकी है। गौरतलब है कि अर्नब गोस्वामी और बार्क (The Broadcast Audience Research Council of India-BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई वॉट्सऐप चैट्स इन दिनों इंटरनेट पर काफी वायरल हो रही है। जिसमें अर्नब गोस्वामी ने पार्थो दासगुप्ता से बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) से तीन दिन पहले भारत की ओर से बड़े हमले को अंज़ाम देने की बात कही थी। जिसे लेकर आम जनता सहित पूरा विपक्ष काफी उत्सुक है कि अर्नव गोस्वामी तक ये बात कैसे पहुँची। कई लोग इस प्रकरण को लेकर अर्नव गोस्वामी और केन्द्र सरकार के बीच तरह तरह के कयास लगा रहे है। मुंबई पुलिस ने ये चैट टीआरपी मामले की जांच के दौरान हासिल की।
अब इस मामले की आंच पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान तक पहुँच गयी। इससे पाक पीएम इमरान खान को भारत पर हमलावर होने का मौका मिल गया। जिसके तहत उन्होनें सिलसिलेवार तरीके से ट्विट करते हुए मोदी सरकार का घेराव किया। उन्होने लिखा कि- साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में मैनें कहा था कि, भारत की फासीवादी मोदी सरकार बालाकोट संकट का फायदा घरेलू चुनावों ने बढ़त बनाने के लिए करेगी। हाल ही में एक हिन्दुस्तानी जर्नलिस्ट जो अपनी आक्रामकता के लिए जाने जाते है, उन्होनें इस बात का खुलासा अपनी बातचीत में किया। इससे साबित होता है कि मोदी सरकार और हिन्दुस्तानी मीडिया के बीच नापाक तालुक्कात बने हुए है।
अपने अगले ट्विट में इमरान खान ने लिखा कि- चुनाव जीतने के लिए उन्होनें (पीएम मोदी) पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैलाई और खतरनाक सैन्य साहसिकता के दम पर सियासी बढ़त हासिल की। पाकिस्तान ने जिम्मेदारी के साथ बालाकोट हमले का माकूल ज़वाब दिया। जिसके कारण एक बड़ा संकट टल गया। बावजूद इसके मोदी सरकार हिन्दुस्तान को लापरवाह मुल्क में तब्दील किये जाने की कवायद में लगी हुई है।
इमरान खान ने भारत पर आंतकवाद पालने-पोसने का आरोप लगाते हुए लिखा कि- हिन्दुस्तान लगातार 15 सालों से हमारे खिलाफ आंतकवादी गतिविधियों को शरण देने की झूठी वैश्विक मुहिम चला रहा है। जिसका अब पर्दाफाश हो चुका है। अब भारत में सरकार के साथ मीडिया की सांठगांठ का खुलासा हुआ है। ये दिखाता है कि, किस तरह भारत ने क्षेत्र को परमाणु संघर्ष के मुहाने पर ला खड़ा किया है।
एक कड़ी के आखिरी ट्विट में पीएम इमरान खान ने लिखा कि- मैं यह दोहराना चाहता हूं कि पाकिस्तान सरकार यूं ही मोदी सरकार के फासीवादी एजेंडे और भारत की करतूतों को खुलासा करती रहेगी। भारतीय समुदाय को मोदी सरकार का लापरवाह रवैया और सैन्यवादी एजेंडा रोकना होगा। नहीं तो ये पूरे क्षेत्र को सशस्त्र सैन्य संघर्ष में धकेल सकता है। जो कि काबू से बाहर होगा।
महाराष्ट्र पुलिस द्वारा टीआरपी घोटाले में मिली, व्हॉट्सऐप चैट कितनी ऑथेंटिक है। अभी इस बात की जांच जारी है। इसका आखिरी फैसला न्यायालय ही करेगा। पत्रकारिता जगत में लोगों के पास अपने सूत्रों होते है। जो उन्हें सूचनायें और ख़बरें मुहैया करवाते है, लेकिन एयर स्ट्राइक जैसी संवेदनशील गतिविधि का पता तीन दिन पहले किसी पत्रकार को लगना, ये बेहद गंभीर मसला है। ये एक तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध (Dent in national security) लगाने जैसा है। इस बात की जांच होनी चाहिए। आखिर अर्नव गोस्वामी को ये सूचना किसने मुहैया करवायी? पार्थो दासगुप्ता के साथ इस बात को साझा करने के पीछे अर्नव गोस्वामी का क्या मकसद था? पार्थो दासगुप्ता ने इस बात को किस-किस साझा किया ये सब सवाल अभी सवाल ही बने हुए है। लेकिन इस प्रकरण ने पाकिस्तान को एक मौका दे ही दिया है भारत पर ज़ुबानी मोर्चा खोलने का।