न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) ने आज बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें 2018 में हुई आत्महत्या मामले में अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अधिवक्ता निर्निमेश दुबे (Advocate Nirnimesh Dubey) द्वारा दायर की गयी अर्नब गोस्वामी की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार, मुंबई पुलिस, केंद्र सरकार और अन्य उत्तरदाताओं ने अपना ज़वाब माननीय न्यायालय के सामने तलब किया। बीते सोमवार अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों मामले में अंतरिम राहत नहीं मिल पायी थी। उच्च न्यायालय ने जमानत के लिए उन्हें निचली अदालत का रुख करने का फरमान जारी किया था।
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक (Justice SS Shinde and Justice MS Karnik) की अगुवाई वाली न्यायिक पीठ के मुताबिक उच्च न्यायालय अपने असाधारण क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल करे ऐसी कोई स्थिति बनती नहीं दिख रही है। इससे पहले कल अर्नब गोस्वामी ने भी रायगढ़ सत्र न्यायालय (Raigad Sessions Court) के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की मौत के मामले में गोस्वामी और दो अन्य व्यक्तियों की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिनकी बीते साल मई 2018 में अलीबाग में आत्महत्या से मौत हो गई थी। नाईक ने कथित तौर पर सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि गोस्वामी ने उन्हें बकाया भुगतान नहीं किया था। जिसके चलते वो मौत को गले लगा रहे है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 7 नवंबर को अर्नब गोस्वामी की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। जिसमें उन्होनें अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी और मामले में राहत की गुहार लगायी थी। बीते सप्ताह गोस्वामी और दो अन्य लोगों को मामले में गिरफ्तार किया गया था। नामजद तीनों लोगों को उस दिन के बाद से निचली अदालत ने 14-दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
गोस्वामी ने आरोप लगाया कि, बीते चार नवंबर को उन्हें ज़बरन गिरफ्तार किया गया। साथ ही मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने उनकी सास, ससुर, बेटे और पत्नी के साथ बदसूलकी की। कथित आत्महत्या के मामला में साल 2019 में क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी। जिसके खिलाफ अन्वय नाइक की पत्नी अक्षता ने न्यायालय का रूख़ किया था। बीते सितम्बर महीने के दौरान महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने नाइक की बेटी द्वारा दी गयी, नयी शिकायत के बाद मामले की फिर से जांच करने का आदेश जारी कर दिया था। जिसके बाद अर्नब गोस्वामी पर कानूनी शिकंजा कसा।