न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): Aaryan Khan Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीते गुरुवार (28 अक्टूबर 2021) को आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को जमानत दे दी, जिन्हें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा मारे गये छापे में क्रूज शिप रेव पार्टी में पकड़ा गया था। तीनों को सशर्त जमानत देते हुए जस्टिस एन. सांब्रे (Justice N. sambre) ने ऑपरेटिव ऑर्डर पारित किया और विस्तृत आदेश आज (29 अक्टूबर 2021) को आने की उम्मीद है।
इस दौरान बचाव पक्ष के वकील मुकुल रोहतगी (Defence lawyer Mukul Rohatgi) ने कहा कि आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा को अदालती फरमान जारी होने तक जेलों में ही रहना होगा। गौरतलब है कि हाई कोर्ट के खचाखच भरे हॉल में दोपहर तीन बजे तक चली सुनवाई के 9 घंटे से ज़्यादा समय तक चलने के बाद जमानत का फैसला आया। जिसके बाद विजयी मुकुल रोहतगी ने दावा किया कि मुम्बई उच्च न्यायालय ने आर्यन, अरबाज और मुनमुन को जमानत दे दी है।
आर्यन के लिए एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, सतीश मानशिंदे ने ऊपर की ओर देखा और संक्षेप में टिप्पणी की: "ईश्वर महान है" रोहतगी ने विस्तृत जमानत आदेश प्राप्त होने तक आगे की टिप्पणियों से इनकार कर दिया, जिसे आर्थर रोड सेंट्रल जेल (Arthur Road Central Jail) भेजा जायेगा। इसी कवायद के बाद आर्यन खान जेल की सलाखों से बाहर आयेगें।
इन दमदार दलीलों की बदौलत मुकुल रोहतगी ने आर्यन खान को दिलवायी जमानत
- बॉम्बे हाईकोर्ट में आर्यन खान के लिये पेश हुए पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया, "आर्यन ग्राहक नहीं था। वो मौके पर स्पेशल गेस्ट था। उसे प्रदीप गाबा नाम के एक व्यक्ति ने इनवाइट किया था जो कि इवेंट मैनेजर है। आर्यन और अरबाज को आमंत्रित किया गया था। वे बिना टिकट के वहां थे। वे क्रूज टर्मिनल पर शाम लगभग 4.30 बजे पहुंचे। ऐसा लगता है कि एनसीबी को ड्रग्स ले जाने वाले लोगों के बारे में पूर्व सूचना थी, इसलिए वे वहां मौजूद थे।"
- आर्यन और अरबाज के बाद कई और लोगों को गिरफ्तार किया गया। आर्यन के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ था और न ही ये दिखाने के लिये कोई मेडिकल जांच की गयी थी कि उसने ड्रग्स का इस्तेमाल किया था। अरबाज के जूतों में करीब 6 ग्राम ड्रग्स था और अरबाज इससे इनकार करते हुए कहा कि ये उनकी जानकारी के बगैर उनके जूते में रखा गया था जिसका उससे कोई सरोकार नहीं है, सिवाय इसके कि वो आर्यन का दोस्त था।
- एनसीबी अधिकारी पुलिस नहीं हैं: जहां तक एनडीपीएस का सवाल है, हमने इस मुद्दे को एससी में उठाया था। हमने इस मुद्दे को विशेष अधिनियमों की कई याचिकाओं में उठाया था। क्योंकि ये अधिकारी हैं पुलिस नहीं। अगर एनसीबी अधिकारी पुलिस के रूप में बयान दर्ज करते हैं।
- बयान वापस लिया गया: मेरे मुवक्किल के खिलाफ कुछ भी नहीं है। उन्हें 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। धारा 67 के तहत एक बयान दर्ज किया गया था जिसे अगली तारीख में वापस ले लिया गया था।
- आर्यन खान 'गलत तरीके से' गिरफ्तारी: एनडीपीएस अधिकारियों को दिये गये बयान अस्वीकार्य हैं। चूंकि कोई रिकवरी नहीं हुई है, मैं निवेदन करता हूं कि मुझे गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है।
- ड्रग्स की छोटी मात्रा हिरासत के लिए काफी नहीं है: तो ये छोटी क्वांटिटी मुझे हिरासत में रखने के लिये काफी नहीं है। जबकि मौके पर कई अन्य लोगों से ड्रग्स कर्मिशियल क्वांटिटी में पाया गया। मेरे खिलाफ धारा 27ए लागू नहीं होती है!
- मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि अरबाज मर्चेंट से बरामद नशीली दवाओं की थोड़ी मात्रा आर्यन खान को जेल में रखने के लिये नाकाफी नहीं है, जबकि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 29 जोड़ना आर्यन के मामले में एक "सामान्य अनाकार आरोप" है।
- रोहतगी ने कोर्ट में कहा, "मैं अरबाज के मामले को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होना चाहता। उनके मुताबिक ये लगाया गया आरोप था। वो अपने मामले में बहस करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं है कि उन से [आर्यन] कोई ड्रग्स मिली हो।" .
- मोबाइल फोन की जब्ती नहीं, पुराने व्हाट्सएप चैट: मुकुल रोहतगी ने बताया कि मोबाइल फोन की जब्ती के लिये कोई पंचनामा नहीं था और ये सिर्फ रिमांड में था। जब पीठ ने पूछा कि अगर फोन जब्त नहीं किया गया तो व्हाट्सएप चैट का आधार क्या था, रोहतगी ने कहा, "चैट स्वीकार्य हैं या नहीं, ये टेस्टिंग से जुड़ा मामला है लेकिन व्हाट्सएप चैट का कोई संबंध नहीं है।