बिजेनस डेस्क (राजकुमार): आज वित्तीय बाजार जगत निवेशकों को निवेश के अनगिनत अवसर प्रदान कर रहा है। नये वित्तीय साधन समय-समय पर विकसित किये जा रहे हैं और एक ऐसा नया साधन जिसने लोकप्रियता हाल ही में बहुत लोकप्रियता हासिल की है, वो है क्रिप्टोकरेंसी। भारत में क्रिप्टो बाजार ने पिछले 24 महीनों में 500% से ज़्यादा के इज़ाफे के साथ कारोबार किया है।
इस इज़ाफे का बड़ा हिस्सा स्पॉन्सरशिप और विज्ञापन अभियानों द्वारा क्रिप्टो सर्विस प्रोवाइडर्स संचालित कर रहे है। ये विज्ञापन भारत में अन्य वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की तरह विज्ञापन नियमों के अधीन नहीं थे। इसलिए क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापनों में डिजिटल परिसंपत्ति निवेश से जुड़े जोखिमों का पूरी तरह से खुलासा नहीं किया जाता हैं। ये क्रिप्टो एक्सचेंजों, मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के “गैर-जिम्मेदार” प्रचार पर चिंता पैदा करता है।
इसी के मद्देनज़र भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI- Advertising Standards Council of India) ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति (VDA- Virtual Digital Asset), क्रिप्टो और अपूरणीय संपत्ति (एनएफटी) जैसी सर्विसेज के विज्ञापन और प्रचार के लिये 12 दिशानिर्देशों की लिस्ट तैयार की है। जो कि इसी साल 1 अप्रैल से प्रभावी हो जायेगी।
नये नियमों के तहत विज्ञापन जारी करते समय क्रिप्टो उत्पादों, एक्सचेंजों या आभासी डिजिटल संपत्तियों से जुड़ी वित्तीय संस्थाओं को बताना होगा कि “क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित हैं और ये अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं। इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान के लिये कोई रेगुलटर का सहारा नहीं लिया जा सकता है।” विज्ञापनों में “करेंसी”, “सिक्योरिटीज”, “कस्टोडियन” और “डिपॉजिटरी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
विज्ञापन ये दावा कभी नहीं करेगें कि “क्रिप्टो कानूनी है” उपभोक्ताओं को फायदे के बारे में साफ-साफ बताना होगा। कोई भी क्रिप्टोकरेंसी अपने प्रदर्शन के बारे में जानकारी पिछले एक साल के आंकड़ों के आधार पर देगी। ग्राहकों को संपर्क करने के लिये विज्ञापन पर आवश्यक ईमेल/संपर्क नंबर जारी करना होगा। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विज्ञापनों ने नाबालिगों को नहीं दिखाया जा सकेगा। इसी क्रम में विज्ञापन में साफ तौर पर रिटर्न को लेकर किसी तरह की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती है। विज्ञापन ये नहीं दिखा सकते कि वीडीए प्रोड्क्ट्स को समझना आसान है।
प्रिंट विज्ञापनों में एएससीआई ने प्रिंटेड विज्ञापनों के मामले में स्थान और फ़ॉन्ट आकार को स्पष्ट किया है। डिक्लेमर को विज्ञापन के निचले हिस्से में कम से कम एक-पांचवें विज्ञापन जगह के बराबर होना चाहिए, एक आसान-से-पढ़ने वाले फ़ॉन्ट में और सादी पृष्ठभूमि में अधिकतम फ़ॉन्ट आकार में जो जगह एड्जस्ट कर सकता हो।
वीडियो विज्ञापनों में डिक्लेमर वीडियो के आखिरी में सादे पृष्ठभूमि में वॉयस-ओवर के साथ रखा जाना चाहिये। वॉयस ओवर नॉर्मल बोलने की स्पीड से होना चाहिए और इसे जल्दी नहीं करना चाहिये। डिस्क्लेमर स्क्रीन पर कम से कम 5 सेकेंड तक रहना चाहियो। अगर वीडियो 2 मिनट से ज़्यादा लंबा है तो डिस्क्लेमर (Disclaimer) को शुरुआत में भी रखा जा सकता है।
ऑडियो विज्ञापनों के आखिर में डिस्क्लेमर बोला जाना चाहिए। अगर विज्ञापन 90 सेकंड से ज़्यादा लंबा है तो डिस्क्लेमर शुरुआत में और साथ ही अंत में बोला जाना चाहिए।
सोशल मीडिया विज्ञापनों के लिये डिस्क्लेमर कैप्शन के साथ-साथ किसी भी तस्वीर या वीडियो अटैचमेंट के रूप में होना चाहिये। कैप्शन के अंदर डिस्क्लेमर पोस्ट की शुरुआत में सामने रखा जाना चाहिये।
गायब होने वाली पोस्ट के लिये (इनमें कहानियां और रील दोनों शामिल हैं): कहानियों या पोस्ट के साथ टेक्स्ट के लिये, डिस्क्लेमर को स्टोरी के आखिर में अन्य फॉर्मेट की तरह ही तयशुदा तरीके से दिखाना होगा। अगर वीडियो की अवधि 15 सेकंड या उससे कम है तो डिस्क्लेमर को ओवरले के तौर पर दिखाया जा सकता है। शब्द और समय की कमी के लिये डिस्क्लेमर में कह सकता है कि “क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित और जोखिम भरे हैं”
क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापन से जुड़ी मशहूर हस्तियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके द्वारा विज्ञापन में दिये बयानों और दावों में कितना दम है।
ये नये विज्ञापन दिशानिर्देश बेहद ठीक समय पर पेश किये गये हैं, जब क्रिप्टो का बाजार विकसित होना शुरू हो गया है और कई खुदरा निवेशकों की इसमें बड़ी दिलचस्पी है। अनियंत्रित होने के नाते ये जरूरी है कि विज्ञापनदाताओं (Advertisers) इन उत्पादों से जुड़े जोखिमों को पहले ही जिम्मेदारी के साथ उपभोक्ताओं के सामने पहुँचा दे। ये कवायद ठीक वैसे ही होगी, जैसे कि “बड़ी छलांग लगाने से पहले देखना”
यूके, स्पेन और सिंगापुर जैसे देश पहले से ही क्रिप्टो विज्ञापनों पर काफी काम कर चुके हैं और लोग उन्हें कैसे संभालते हैं, इसमें काफी सुधार हुआ है। भारत इस उभरती हुई तकनीक और उत्पादों के लिये बहुत बड़ा बाजार होने के नाते, ये साफ तौर मौजूदा क्रिप्टो सर्विसेज प्रोवाइडर्स (Crypto Services Providers) और नये मार्केट प्लेयर्स को प्रोत्साहित करेगी।