न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): लंदन यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) के बयान पर निशाना साधते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि- वो विदेशी धरती पर भारतीय संसद को गाली देते हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां भी जाते हैं, अपनी मातृभूमि की तारीफ करते हैं।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए सरमा ने आगे कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हैं, वो (राहुल गांधी) कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। चुनावी राज्य कर्नाटक के कनकगिरी (Kanakgiri in Karnataka) में ‘विजय संकल्प’ रैली में बोलते हुए सरमा ने कहा कि, “हमें यहां भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को सत्ता में लाना है। हमें अब बाबरी मस्जिद की जरूरत नहीं है, हमें राम जन्मभूमि चाहिये। लंदन में जाकर राहुल गांधी ने देश को बदनाम करने की कोशिश की।”
सरमा का ये बयान कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) में राहुल के हालिया लैक्चर के बाद सामने आया, जहां उन्होंने (राहुल गांधी) दावा किया था कि भारतीय लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर लगातार हमला हो रहा है।
राहुल गांधी ने कहा था कि- “हर कोई जानता है और ये खबरें काफी आम है कि भारतीय लोकतंत्र भारी दबाव में है और उस पर लगातार हमले हो रहे है। मैं भारत में एक विपक्षी नेता हूं, हम ये सब रोजाना झेल रहे है। संस्थागत ढांचा जो लोकतंत्र के लिये काफी जरूरी है, यानि कि स्वतंत्र प्रेस, न्यायपालिका और आलोचना के विचार जैले लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धान्तों को कुचला जा रहा है। इसलिये हम भारतीय लोकतंत्र के मूल ढांचे पर हमले का सामना कर रहे हैं।”
सरमा ने कांग्रेस नेता पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिये कर्नाटक आये और फिर लंदन (London) में ‘भारत तोड़ो’ के बारे में बात की।
कर्नाटक के लोगों से आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता में वापस लाने का आग्रह करते हुए, असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की अगुवाई में देश ‘विश्व गुरु’ (विश्व नेता) बनेगा।
बता दे कि कर्नाटक में जून से पहले चुनाव होने वाले हैं, क्योंकि 224 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को खत्म होने वाला है। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने सूबे में 104 सीटों पर जीत हासिल की और सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी, जबकि कांग्रेस और जद (एस) ने क्रमश: 78 और 37 सीटें जीतीं।
दूसरी ओर कांग्रेस और जेडीएस सरकार बनाने के लिये एक साथ आये, भाजपा ने बाद में सत्ताधारी दलों के कई विधायकों को अपने साथ करने के बाद सत्ता पर कब्जा कर लिया, जिससे पिछली सरकार अल्पमत में आ गयी।