न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS- Al-Qaeda Indian Subcontinent) और अंसारूल्लाह बांग्ला टीम (ABT- Ansarullah Bangla Team) से जुड़े दो गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों को आज (22 अगस्त 2022) सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। बता दे कि असम पुलिस (Assam Police) ने बीते शनिवार (20 अगस्त 2022) को गोलपारा जिले (Goalpara District) से दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था।
गोलपारा जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वीवी राकेश रेड्डी ने मीडिया को बताया कि, दोनों संदिग्ध आतंकवादियों को रविवार (21 अगस्त 2022) शाम को गोलपारा की अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार आतंकियों की शिनाख़्त मोरनोई (Mornoi) थाना क्षेत्र के तिनकुनिया शांतिपुर मस्जिद (Tinkunia Shantipur Mosque) के इमाम अब्दुस सुभान (Imam Abdus Subhan) और गोलपारा जिले के मटिया थाना क्षेत्र के तिलपारा नतुन मस्जिद (Tilpara Natun Mosque) के इमाम जलालुद्दीन शेख (Imam Jalaluddin Sheikh) के तौर पर हुई है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि दोनों बांग्लादेश से असम आये और जिहादी आतंकियों को रसद पहुँचाई और पूछताछ के दौरान उन्होंने एक्यूआईएस के सदस्य होने की बात कबूल की और गोलपारा जिले में अंसार/स्लीपर सेल का हिस्सा होने की बात कबूल ली। हमारी जांच जारी है। हमें इनपुट मिला है कि, फरार बांग्लादेशी आतंकवादी जिले में कई लोगों को कट्टरपंथी बनाने के काम में लगे थे। हम जिले में स्लीपर सेल के गठन के बारे में पुष्टि कर रहे हैं। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किये गये दोनों आतंकवादियों ने इस बात का खुलासा किया। कुछ और नाम हैं और हम उन लोगों की भी पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं।”
बता दे कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों ने दिसंबर 2019 में मटिया पुलिस थाने के सुंदरपुर तिलापारा मदरसा (Sunderpur Tilapara Madrasa) में एक धर्म सभा का आयोजन किया था, जहां एक्यूआईएस से जुड़े कई बांग्लादेशी नागरिकों को अतिथि वक्ताओं के तौर पर बुलाया गया था। फिलहाल असम पुलिस को अभी तक जिले में हथियारों की ट्रेनिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। इसी साल मार्च से असम पुलिस ने राज्य में एक्यूआईएस/एबीटी के पांच मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 35 लोगों को गिरफ्तार किया था।
असम पुलिस की ये कार्रवाई मोरीगांव जिला प्रशासन द्वारा मोइराबारी (Moirabari) इलाके में जमीउल हुडा मदरसा (Jamiul Hooda Madrasa) को गिराने के बाद सामने आयी।
बांग्लादेश का जमीउल हुदा मदरसा आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के एक्टिव मेम्बर मुस्तफा उर्फ मुफ्ती मुस्तफा (Mufti Mustafa) के जरिये चलाया जाता था, जो मोरीगांव के सहरिया गांव का निवासी था और एबीटी को पैसा पहुँचाने का बड़ा माध्यम भी वहीं था। मुस्तफा को मोरीगांव पुलिस ने भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) में एबीटी और अल-कायदा से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।