ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार जन्मकुंडली में जो ग्रह उच्च राशि या अपनी स्वयं की राशि में स्थित हों, उनसे सम्बन्धित वस्तुओं का दान व्यक्ति को कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिये क्योंकि ऐसा दान हमें हमेशा हानि ही देता है।
सूर्य ग्रह
सूर्य मेष राशि में होने पर उच्च तथा सिंह राशि (Leo) में होने पर अपनी स्वराशि में होता है। यदि किसी जातक की कुण्डली में सूर्य इन्हीं दो राशियों में से किसी एक में हो तो उसे लाल या गुलाबी रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिये। इसके अलावा गुड़, आटा, गेहूं, तांबा आदि दान नहीं करना चाहिये। सूर्य की ऐसी स्थिति में ऐसे जातक को नमक कम करके, मीठे का सेवन अधिक करना चाहिये।
चंद्र ग्रह
चन्द्र वृष राशि में उच्च और कर्क राशि में अपनी राशि का होता है। अगर किसी जातक की जन्मकुंडली (Janam Kundali) में चंद्र ग्रह ऐसी स्थिति में हो तो उसे खाद्य पदार्थों में दूध, चावल और आभूषणों में चांदी एवं मोती का दान नहीं करना चाहिए। ऐसे जातक के लिए माता या अपने से बड़ी किसी भी स्त्री से दुर्व्यवहार करना हानिकारक हो सकता है। किसी स्त्री का अपमान करने पर ऐसे जातक मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं।
मंगल ग्रह
मंगल मेष या वृश्चिक राशि में हो तो स्वराशि का तथा मकर राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है। अगर आपकी कुण्डली में मंगल ग्रह ऐसी स्थिति में है तो मसूर की दाल, मिष्ठान अथवा अन्य किसी मीठे खाद्य पदार्थ का दान ना करें। आपके घर अगर मेहमान आये हों तो उन्हें कभी सौंफ खाने को न दें अन्यथा वो व्यक्ति कभी किसी अवसर पर आपके खिलाफ ही कटु वचनों का प्रयोग करेगा। यदि मंगल ग्रह के प्रकोप से बचना चाहते हैं तो किसी भी प्रकार का बासी भोजन न तो स्वयं खाये और न ही किसी अन्य को खाने के लिए दें।
बुध ग्रह
बुध मिथुन राशि में तो स्वराशि तथा कन्या राशि में हो तो उच्च राशि का कहलाता है। अगर किसी जातक की जन्मपत्रिका में बुध उपरोक्त वर्णित किसी स्थिति में है तो, उसे हरे रंग के पदार्थ और वस्तुओं का दान कभी नहीं करना चाहिये। हरे रंग के वस्त्र, वस्तु और यहां तक कि हरे रंग के खाद्य पदार्थों का दान में ऐसे जातक के लिए निषेध है।
गुरू ग्रह
गुरू जब धनु या मीन राशि में हो तो स्वगृही तथा कर्क राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है। जिस जातक की कुण्डली में बृहस्पति ग्रह (Jupiter Planet) ऐसी स्थिति में हो तो, उसे पीले रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिये। सोना, पीतल, केसर, धार्मिक साहित्य या वस्तुओं आदि का दान नहीं करना चाहिये। इन वस्तुओं का दान करने से समाज में सम्मान कम होता है।
शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह वृष या तुला राशि (Libra) में हो स्वराशि का एवं मीन राशि में हो तो उच्च भाव का होता है। जिस जातक की कुण्डली में शुक्र ग्रह की ऐसी स्थिति हो तो उसे श्वेत रंग के सुगन्धित पदार्थों का दान नहीं करना चाहिये अन्यथा व्यक्ति के भौतिक सुखों में कमी आने लगती है। इसके अलावा नई खरीदी गई वस्तुओं का एवं दही, मिश्री, मक्खन, शुद्ध घी, इलायची आदि का दान भी नहीं करना चाहिये।
शनि ग्रह
शनि यदि मकर या कुम्भ राशि में हो तो स्वगृही तथा तुला राशि में हो तो उच्च राशि का कहलाता है। यदि आपकी कुण्डली में शनि इस स्थिति में है तो आपको काले रंग के पदार्थों का दान कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिये। इसके अलावा लोहा, लकड़ी और फर्नीचर, तेल या तैलीय सामग्री, बिल्डिंग मैटीरियल आदि का दान नहीं करना चाहिये।
राहु ग्रह
राहु अगर कन्या राशि में हो तो स्वराशि का तथा मिथुन राशि में हो तो उच्च का होता है। जिस जातक की कुण्डली इसमें से किसी भी एक स्थिति का योग बने तो ऐसे जातक को नीले, भूरे रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिये। इसके अलावा अन्न का अनादर करने से परहेज करना चाहिये। जब भी ये खाना खाने बैठें तो उतना ही लें जितनी भूख हो, थाली में जूठन छोड़ना इन्हें भारी पड़ सकता है।
केतु ग्रह
केतु यदि मीन राशि (Pisces) में हो तो स्वगृही तथा धनु राशि में हो तो उच्चता को प्राप्त होता है। अगर आपकी कुण्डली में केतु उपरोक्त स्थिति में है तो आपको घर में कभी पक्षी नहीं पालना चाहिये अन्यथा धन व्यर्थ के कामों में बर्बाद होता रहेगा। इसके अलावा भूरे, चित्र-विचित्र रंग के वस्त्र, कम्बल, तिल या तिल से निर्मित पदार्थ आदि का दान नहीं करना चाहिए।
अगर आपकी कुंडली कोई भी ग्रह नीच या अशुभ अवस्था में हो तो आप उस से संबंधित वस्तुओं का दान कर सकते हैं।