न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद अहमद (Asad Ahmed) को उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) की स्पेशल टास्क फोर्स ने गोली मार दी। वो उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में वांछित था। डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल सिंह (Deputy SP Navendu and Deputy SP Vimal Singh) की अगुवाई वाली यूपीएसटीएफ (UPSTF) की टीम के साथ हुई मुठभेड़ में मकसूद के बेटे गुलाम को भी मार गिराया गया। मुठभेड़ झांसी में हुई। दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। पुलिस ने इनके पास से विदेशी हथियार बरामद किये हैं।
करीब एक महीने तक असद अहमद के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं हुआ था। हालांकि 24 फरवरी को प्रयागराज (Prayagraj) में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या करने वाले शूटरों के एक गिरोह की कथित तौर पर अगुवाई करने के बाद वो यूपी का मोस्ट वांटेड अपराधी बन गया।
असद पूर्व गैंगस्टर और सांसद अतीक अहमद का तीसरा बेटा है। उसने कथित तौर पर पिछले अगस्त में अहमद के गिरोह को संभाला था। बता दे कि उसके दो बड़े भाइयों ने यूपी कोर्ट में काफी पहले ही सरेंडर कर दिया था। असद ने लखनऊ (Lucknow) के टॉप स्कूल में पढ़ाई की थी। वो पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता था, लेकिन अधिकारियों की ओर से उसका पासपोर्ट मंजूर नहीं किये जाने की वज़ह से वो ऐसा नहीं कर सका।
पुलिस उसके पीछे थी। हालांकि वो उमेश पाल को गोली मारते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। असद पर 5 लाख रुपये का इनाम था। अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। असद के चाचा अशरफ यूपी की बरेली जेल (Bareilly Jail) में हैं।
असद ने कथित तौर पर जेल से अतीक अहमद और अशरफ से निर्देश लिया, अपराधियों एक गैंग इकट्ठा किया और उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी। वो और गिरोह के अन्य सदस्य पाल को गोली मारते देखे गये थे। उसे एसयूवी से निकलते और पिस्टल से पाल पर गोली चलाते देखा गया। अतीक अहमद के दो और बेटे हैं जो स्कूल में पढ़ते हैं।
अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को आज (13 अप्रैल 2023) सुबह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट लाया गया। उमेश पाल 2005 में अतीक अहमद के इशारे पर हुई बसपा विधायक राजू पाल (BSP MLA Raju Pal) की हत्या का मुख्य गवाह था। फरवरी में प्रयागराज में उसके घर के बाहर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
इन पुलिस अधिकारियों की अगुवाई में हुआ एनकाउंटर
नवेंदु पुलिस उपाधीक्षक हैं। वो बिहार के सारण (Saran of Bihar) के रहने वाले है। वो साल 2018 में यूपी स्पेशल टास्क फोर्स में शामिल हुए था। नवेंदु ने कई एनकाउंटर में हिस्सा लिया है। कुछ साल पहले उन्हें कुछ गोलियां लगी थीं। उन्हें दो पुरस्कार मिले हैं साल 2008 में राष्ट्रपति वीरता पदक (President’s Gallantry Medal) और साल 2014 में राष्ट्रीय वीरता पदक। विमल कुमार सिंह यूपी एसटीएफ में डीएसपी भी हैं। वो यूपी के जौनपुर (Jaunpur of UP) के मूल निवासी हैं और यूपी कैडर के अधिकारी हैं। उनकी पोस्टिंग लखनऊ में है।
नवेंदु कुमार नवीन के पिता का नाम भोलानाथ राय है। उन्हें फरवरी 2018 में डीवाई एसपी रैंक पर पदोन्नत किया गया था।
विमल कुमार सिंह के पिता का नाम राम प्यारे सिंह है। उनका जन्म 1970 में हुआ था। उन्हें 2019 में रैंक पर पदोन्नत किया गया था।
उमेश पाल प्रयागराज में एक वकील था जो कि साल 2005 में राजू पाल की हत्या का गवाह था। फरवरी में उसके घर के बाहर उसकी हत्या कर दी गयी थी। उस दौरान हुई मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी शहीद हो गये थे।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) ने यूपी एसटीएफ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उमेश पाल और पुलिसकर्मियों के हत्यारे इसी हश्र के हकदार हैं।