नई दिल्ली (जया मजूमदार): योग गुरु रामदेव (Yog Guru Baba Ramdev) ने दिल्ली में आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में पंतजलि आयुर्वेद द्वारा विकसित कोरोनिल दावा रिसर्च पेपर जारी किया। पंतजलि के मुताबिक ये कोविड-19 की पहली एविडेंस बेस्ड दवाई है। इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि रिसर्च पेपर पतंजलि की COVID-19 दवा कोरोनिल से जुड़े सभी आंशकायें दूर कर देगा।
बाबा रामदेव से मीडिया से कहा कि-जब हमने कोरोनिल लॉन्च किया, तो लोगों ने इसके लेकर तरह-तरह के सवाल उठाये और पूछा कि क्या इससे बनाने में पंतजलि ने साइंटिफिक पैरामीटर्स (Scientific parameters) को फॉलो किया है? लोगों को लगता है कि रिसर्च सिर्फ विदेशों में ही हो सकता है। इस रिसर्च के साथ हमने कोरोनिल के बारे में सभी आंशकाओं और शुकोसुबह को दूर कर दिया है।
गौरतलब है कि कोरोनिल को बीते जून 2020 की शुरूआत में इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर लाइसेंस दिया गया था। जिसके बाद इसे लेकर काफी विवाद फैला था। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में आयुर्वेद का 30,000 करोड़ रुपये टर्नओवर है। जो कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम करता है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कोविड महामारी से पहले इसके टर्नओवर में हर साल 15 से 20 फीसदी का उछाल देखा गया।
मौजूदा हालातों में आयुर्वेद के स्थिति के बारे में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा-अब पोस्ट कोविड माहौल में ये उछाल 50 फीसदी से बढ़कर 90 के आंकड़े पर पहुँच गया है। जिसका सीधा मतलब है कि लोग खुले दिल से आयुर्वेद इलाज़ में दिलचस्पी ले रहे है। इसके साथ आयुर्वेद में एक्सपोर्ट और फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टेमेंट (Foreign direct investment) में बढ़ोत्तरी देखी गयी है।
इस दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने दावा किया कि, वे ऐलौपैथिक प्रैक्टिशनर थे, लेकिन उनका मानना था कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की बेहतरी के लिए सभी तरह की दवाओं का इस्तेमाल और सामंजस्य से काम करना बेहतरीन नतीज़े देता है। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत का आयुर्वेद का ज्ञान पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व का मार्गदर्शन कर सकता है।