न्यूज डेस्क (पार्थसारथी घोष): बांग्लादेश की पहली ट्रांसजेंडर न्यूज़ ऐंकर (Transgender News Anchor) ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर न्यूज बुलेटिन पढ़ा। जिसके बाद भावुक होकर उनकी आंखें भर आयी। कई लोगों ने इसे बेहतरीन शुरूआत बताया। तश्नुवा आनन शिशिर ने इस मौके पर करीब मिनट तक न्यूज बुलेटिन पढ़ा। तश्नुवा को कई सालों से यौन भेदभाव और अपमान (Sexual discrimination and humiliation) का सामना करना पड़ा। इसकी चलते उसके पिता ने भी उससे किनारा कर लिया। डेली मेल के मुताबिक तश्नुवा ने लगातार हो रहे अपमान से बचने के लिए चार सुसाइड करने की भी कोशिश की थी।
तश्नुवा की शुरूआती पहचान कमल हुसैन शिशिर की थी। किशोरावस्था के दहलीज़ पर पहुँचते हुए उन्हें इस बात का पता लगा लिया था कि वो एक ट्रांसजेंडर हैं। डेली मेल से बात करते हुए 29 वर्षीय ताशनुवा ने कहा कि, लोगों ने मुझे इतना परेशान किया कि मेरे सब्र का बांध टूटने लगा। परेशान होकर मैंने चार बार आत्महत्या करने की कोशिश की। मेरे पिता ने मुझसे कई सालों तक बात नहीं की। जब मैं इन सबका एक साथ सामना नहीं कर पाया तो मैंने घर छोड़ दिया। मेरे पिता पड़ोसियों को ये बताने में बेबस थे कि, मेरी चाल-ढ़ाल में मर्दानापन क्यों नहीं है।
नारायणगंज में हार्मोन थेरेपी कराने के लिए तश्नुवा ने पहले अपना घरबार छोड़ दिया और ढाका आ गई। इशके बाद तश्नुवा ने चैरिटी के लिए काम करना शुरू किया। पैसे कमाने के लिये एक्टिंग भी की। इन तमाम दुश्वारियों के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। बीते जनवरी महीने में तश्नुवा ने सार्वजनिक स्वास्थ्य पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने वाले पहली बांग्लादेशी ट्रांसजेंडर बनकर इतिहास रचा।
गौरतलब है कि बांग्लादेश सरकार ने साल 2013 से ट्रांसजेंडर्स लोगों को एक अलग लैंगिक पहचान (Gender identity) के तौर पर स्वीकारा है। साल 2018 में बांग्लादेश में प्रधान मंत्री शेख हसीना की अगुवाई वाली सरकार ने ने ट्रांसजेंडर समुदाय को तीसरे लिंग के रूप में मतदान करने के लिए रजिस्ट्रेशन करने की मंजूरी जारी की थी।