कोरोनाकाल में पंजीकृत वकीलों की मदद के लिये आगे आया Bar Council of Delhi

नई दिल्ली (शौर्य यादव): कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए दिल्ली विधिज्ञ परिषद (Bar Council of Delhi) ने पंजीकृत वकीलों की मदद के लिये अपने दरवाज़े खोल दिये है। गौरतलब है कि महामारी के इस काल में न्यायालय बंद रहने के कारण कई वकीलों की आजीविका पर भारी खतरा मंडरा रहा था। जिसके बारे में बार काउसिंल ऑफ दिल्ली ने स्वत: संज्ञान लिया और मदद के लिये हाथ आगे बढ़ाये।

इस मुहिम के तहत दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीमा योजना पॉलिसी बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के पंजीकृत सभी अधिवक्ताओं को प्रदान करने की बात कही है जिनके क्रेडेंशियल बीसीडी द्वारा सत्यापित हैं। वकीलों तक बीमा पॉलिसी पहुँचाने के लिये बीसीडी अपने बजटीय प्रावधानों (Budgetary Provisions) से 50 करोड़ रुपये से ज़्यादा की राशि का भुगतान करेगा। बीसीडी जल्द ही इस फैसले के फायदे और नुकसान का मूल्यांकन करेगी और भविष्य की कार्रवाई तय करेगी।

बीसीडी ने लॉकडाउन के दौरान वकीलों को भारी मदद पहुँचायी, जबकि बीसीडी खुद में स्वायत्तता पूर्ण संस्था जिसे बाहरी तौर पर फडिंग नहीं मिलती। इस क्रम में अप्रैल 2020 से अप्रैल 2021 के दौरान काउंसिल ने 180,67 अधिवक्ताओं को 5000 रूपये की राशि मुहैया करवायी। इसी अवधि के दौरान कोरोना संक्रमण से जूझ रहे 226 वकीलों को 25,000 रूपयों की मदद राशि दी गयी।

महामारी के हालातों को देखते हुए बीसीडी ने कई और अहम कदम भी उठाये, जिसके चलते आर्थिक तंगी के जूझ रहे और अस्पतालों में भर्ती हुए 110 एडवोकेट्स को 5,0000 रूपयों का आंबटन किया गया। साथ ही होम क्वारंटीन हुए 3,823 अधिवक्ताओं को 15,000 रूपये की राशि प्रदान की गयी। वित्तीय सहायता के साथ साथ बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने 98 वकीलों को ऑक्सीजन सिलिंडर भी उपलब्ध करवाये।

राहत सामग्री के तौर पर 1554 अधिवक्ताओं को सीधे उन तक बार काउंसिल ने राशन किट पहुँचायी। प्रत्येक राशन किट (Ration Kit) की कीमत 9,862 रूपये थी। इसके साथ ही कई वकीलों का 2000 रूपये के पंतजलि समृद्धि कार्ड का आबंटन किया गया, जिसकी मदद से वो रोजमर्रा की जरूरत का समान चुनिंदा पंतजलि स्टोर से खरीद सकते है।

ट्रैडीं न्यूज से खास बातचीत करते हुए बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के माननीय सचिव पीयूष गुप्ता ने कहा कि, महामारी के इस काल में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली और इसके समस्त पदाधिकारी वकीलों के साथ मजबूती से खड़े है। भविष्य में जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद पंजीकृत अधिवक्ताओं तक पहुँचायी जायेगी। जिसके लिये काउंसिल एडवोकेट्स वेलफेयर फंड ट्रस्ट की मदद लेगी।

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