न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) के कारण लगभग 11 महीने तक बंद रहने के बाद दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर लगाये गये बैरिकेड्स और सीमेंटेड ब्लॉक (Barricades and Cemented Blocks) को हटाना शुरू कर दिया है। किसानों का आंदोलन शुरू होने के बाद से 11 महीने से ज़्यादा वक़्त से ये रास्ते बंद थे और इससे आम जनता को काफी परेशानी हो रही थी।
गाजीपुर बॉर्डर पर गाजियाबाद से नई दिल्ली जाने वाले वाहनों के लिये कैरिजवे (Carriageway) के एक तरफ से सड़कों को खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गाजीपुर में दिल्ली पुलिस ने आज तड़के कार्रवाई शुरू की और सड़कों को खोलने के लिये सभी बैरिकेड्स और कंटीले तारों को हटा दिया।
दिल्ली पुलिस ने कल नई दिल्ली से हरियाणा के लिये यातायात की आवाजाही को मंजूरी देने वाले टिकरी बॉर्डर पर लगाये गये बैरिकेड्स को हटाने की प्रक्रिया शुरू की। किसानों के विरोध के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के मद्देनजर ये बैरिकेड्स लगाये गये थे।
गौरतलब है कि इस साल 26 जनवरी को केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित अपनी ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिये और राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में तोड़फोड़ की। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने कहा कि, “बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं, रास्ता खोला जा रहा है। हमें फरमान मिल गये हैं।”
स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर दीपेंद्र पाठक ने कहा कि थोड़ी ही देर में गाजीपुर बॉर्डर को आम जनता के के लिये खोल दिया जायेगा। ये दिल्ली पुलिस की पहल है और हमने जो ब्लॉक रखा है उसे हम हटा रहे हैं। हम किसानों से अनुरोध करेंगे कि ये राजमार्ग लोगों के लिए खोल दिया जाये। हम उम्मीद कर रहे हैं कि किसानों द्वारा हमारे इस कदम का स्वागत खुले मन से करेगें
डीसीपी ईस्ट प्रियंका कश्यप ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि जल्द ही इस सेक्शन को वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया जायेगा। सीमावर्ती इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए 26 जनवरी को बैरिकेड्स लगाये गये थे, लेकिन अब इसे हटाया जा रहा है। ये एनएच 9 है, हम इसे खोल रहे हैं। एनएच 24 को भी खोला जायेगा।
इस बीच सिंघू बॉर्डर से अभी भी बैरिकेड्स और सीमेंटेड ब्लॉक नहीं हटाये गये हैं और ये आम जनता के लिये अभी भी बंद है। हालांकि किसान संघों (Farmers Unions) ने कहा कि उनका विरोध जारी रहेगा और वे सड़कों को रोकने के पक्ष में नहीं है। जब किसान पिछले साल नवंबर में केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी के चारों ओर अलग अलग बॉर्डरों पर लामबंद हुए तो पुलिस ने सड़कों पर बड़े-बड़े कीलों और कंक्रीट के बड़े ब्लॉकों के साथ बैरिकेड्स लगा दिये थे।
इससे पहले 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कहा था कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चित काल के लिये बंद नहीं किया जा सकता है। कोर्ट का ये बयान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के कारण दिल्ली से नोएडा के बीच सड़कों की नाकेबंदी के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आया।