न्यूज डेस्क (एकता सहगल): बटला हाउस एनकाउंटर मामले (Batla house encounter case) केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद आज कांग्रेस, टीएमसी, सपा समेत पूरे विपक्ष पर जमकर बरसे। मीडिया से बात करते हुए उन्होनें कहा कि इस कवायद को दिल्ली पुलिस का मनोबल तोड़ने के लिए शुरू किया गया। आपने (मीडिया) कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को ये कहते हुए सुना होगा कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी की आँखों में आंसू थे, जब उन्हें पता चला कि दो आतंकवादी मारे गए हैं।
उन्होनें आगे कहा कि, एनकाउंटर की प्रामाणिकता पर इरादतन जानबूझकर लगातार सवाल उठाये जाते रहे। ये सभी हरकतें शुद्ध वोट बैंक की राजनीति (Pure vote bank politics) से प्रेरित थी। साफतौर पर कांग्रेस आतंकवादियों को समर्थन देते हुए दिल्ली पुलिस का हौंसला तोड़ना चाहती थी। कांग्रेस, ममता दीदी और बटला हाउस पर सवाल उठाने वाले सभी लोग इस मामले में अदालत के फैसले के बाद चुप क्यों हैं? क्या सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी बटला हाउस मुठभेड़ मामले पर पूरे देश को गुमराह करने के लिए माफी मांगेंगे?
गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद का ये बयान उस वक़्त सामने आया। जब साकेत कोर्ट में ठीक एक दिन पहली ही दोषी करार दिया है। जिसे 2008 के बटला एनकाउंटर मामले में फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि खान और उसके साथियों ने जानबूझकर एनकांउटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या कर दी। साथ ही हेड कांस्टेबल बलवंत सिंह और राजबीर सिंह को गंभीर चोटें पहुंचाई।
खान कथित तौर पर आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (Terrorist organization Indian Mujahideen) से जुड़ा है। दस सालों तक फरार रहने के बाद उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था।दिल्ली पुलिस के मुताबिक बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान खान मौके पर मौजूद था, लेकिन दिल्ली के जामिया नगर में 19 सितंबर, 2008 को हुई मुठभेड़ के दौरान वो भागने में कामयाब रहा। जिसमें इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकवादी मारे गये और कई गिरफ्तार किए गये।
दो संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद पुलिस की ज़वाबी कार्रवाई मारे गए थे जबकि दो अन्य संदिग्धों मोहम्मद सैफ और जीशान को गिरफ्तारी हुई। फरवरी 2012 में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने बटला हाउस मुठभेड़ मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा बटला हाउस मुठभेड़ की न्यायिक जांच होनी चाहिए। जिसके लिए उन्होनें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मीटिंग भी की थी। उन्होनें दावा किया कि जब सोनिया गांधी को एनकाउंटर की तस्वीरें दिखाई गईं, तो वो भावुक होकर रोने लगी।