BCCI का कप्तानी को लेकर फरमान और विराट कोहली की नाराज़गी

न्यूज डेस्क (अनुज गुप्ता): क्रिकेट एक खेल है। लेकिन इस खेल में भी जमकर सियासत चल रही है। हाल ही में विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर क्रिकेट में चल रहे सियासी खेल का पर्दाफाश किया। कोहली ने कहा कि वनडे टीम की कप्तानी छीनने से महज डेढ़ घंटे पहले उन्हें बताया गया था। विराट कोहली ने हाल फिलहाल में कई ऐसी बातें कही हैं, जो शायद बीसीसीआई (BCCI) और सौरव गांगुली को पसंद न आये।

उन्होंने पहली बात ये कही कि वो साल 2023 तक वनडे फॉर्मेट में टीम के कप्तान बने रहना चाहते थे। दूसरी बात उन्हें 8 दिसंबर को हुई बीसीसीआई की सिलेक्शन कमेटी (Selection Committee) की बैठक से डेढ़ घंटे पहले ही कहा गया था कि वो टी20 और वनडे टीम की कप्तानी नहीं करेंगे। यानि उन्हें कप्तानी से हटाया नहीं गया बल्कि उनसे कप्तानी छीन ली गयी, यही वो कहने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कभी नहीं कहा कि वो दक्षिण अफ्रीका दौरे (South Africa Tour) के लिये उपलब्ध नहीं होंगे और इस दौरान आराम करना चाहते थे। उन्होंने इन सभी बातों को अफवाह बताया है और ये भी कहा है कि उन्होंने इस बारे में बीसीसीआई को बताया था। टीम इंडिया को पहला मैच 26 दिसंबर को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलना है।

और आखिरी बात ये है कि विराट कोहली ने रोहित शर्मा के साथ मतभेदों की सभी खबरों को खारिज करते हुए कहा कि वो इस पर सफाई देते-देते थक चुके हैं यानि वो एक तरफ हैरानी जताते हुए बीसीसीआई के फैसले पर सवाल उठाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ रोहित शर्मा से मतभेदों की खबरों को भी खारिज करते हैं।

हालांकि इस पर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (BCCI President Sourav Ganguly) ने अपने बयान में कहा था कि व्हाइट बॉल के फॉर्मेंट में अलग-अलग कप्तान नहीं हो सकते। इसलिए ये फैसला लिया गया है। लेकिन अब पता चला है कि इस फैसले के पीछे की असली वजह राजनीति थी।

अब बड़ा सवाल ये है कि विराट कोहली को अचानक कप्तानी से क्यों हटाया गया? इसे तीन प्वाइंट्स में समझने की कोशिश करें। ये वो बातें हैं जो टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ियों ने ऑफ द रिकॉर्ड मीडिया को बताया हैं कि हमें पता चला है कि टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों में विराट कोहली के लेकर काफी गुस्सा था। विराट पर इल्ज़ाम हैं कि उन्होंने अपने पसंदीदा खिलाड़ियों का पक्ष लिया और उनके लिये टीम में जगह भी बनाई जबकि उनकी कप्तानी में कई खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया गया, जो असल में टीम में खेलने के लायक थे।

इस बात की कुछ मिसालें इस तरह है। क्रिकेटर अंबाती रायुडू 2019 एकदिवसीय विश्व कप से पहले अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन जब विश्व कप के लिये टीम का चयन किया गया तो उनकी जगह ऑलराउंडर विजय शंकर को लाने का फैसला किया गया। बताया जाता है कि इस फैसले पर खुद विराट कोहली ने हामी भरी थी। विजय शंकर और शिखर धवन के चोटिल होने पर भी अंबाती रायुडू (Ambati Rayudu) को टीम में जगह नहीं दी गयी। उनकी जगह क्रिकेटर मयंक अग्रवाल और ऋषभ पंत को मौका दिया गया। इससे निराश होकर अंबाती रायुडू ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) से संन्यास की घोषणा कर दी।

इसी तरह एक अन्य खिलाड़ी कुलदीप यादव को भी उनके अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम में जगह नहीं दी गयी। उनकी जगह युजवेंद्र चहल को बार-बार मौका दिया गया, जो विराट कोहली के चहेते माने जाते हैं। शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) समेत इन खिलाड़ियों ने विराट कोहली के काम करने के तरीके और उनकी मनमानी के खिलाफ बीसीसीआई से शिकायत की थी।

दूसरी बात ये बतायी जा रही है कि विराट कोहली ने जब सभी बड़े फैसलों में मनमानी शुरू की तो दूसरे खिलाड़ी उनके खिलाफ गुट बनाने लगे और ये सभी खिलाड़ी रोहित शर्मा के समर्थन में चले गये। ये भी कहा जाता है कि जिस खिलाड़ी की पत्नी का अनुष्का शर्मा से झगड़ा होगा, उस खिलाड़ी के बुरे दिन शुरू हो जायेगें। इसलिए इन सभी खिलाड़ियों ने मिलकर रोहित शर्मा का साथ देने का फैसला किया।

और तीसरी बात ये है कि जब विनोद राय के पास बीसीसीआई की कमान थी, तब टीम में विराट कोहली की पकड़ काफी मजबूत थी। लेकिन सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद चीजें बदल गयी और कोहली के लिये टीम सिलेक्शन और दूसरी चीजों पकड़ बनाना मुश्किल हो गया।

सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद सबसे पहले विराट कोहली के अधिकार क्षेत्र को सीमित किया गया था। कुछ इसी तरह पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री (Former Head Coach Ravi Shastri) पर भी नकेल कसी गयी। उनसे कहा गया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में एक आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीता और उन्हें इस साल टी20 विश्व कप जीतकर इसे साबित करना होगा। लेकिन विराट कोहली ऐसा नहीं कर पाये और कप्तानी पर उनकी पकड़ पड़ कमजोर गयी।

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब विराट कोहली का नाम राजनीति के लिये चर्चा में है। रवि शास्त्री से पहले जब पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले टीम के मुख्य कोच थे तो कोहली के साथ उनके मतभेदों की भी खबरें सामने आयी थीं।

कुंबले ने चैंपियंस ट्रॉफी के बाद अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले साल 2017 में कोच पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय कुंबले ने कहा था कि विराट कोहली को उनके कोच के रूप में बने रहने से आपत्ति है, इसलिए उनका पद छोड़ना बेहतर है। इसके अलावा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी की हार के बाद विराट कोहली ने कुंबले का विरोध करते हुए अपमानजनक शब्द कहे थे।

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