न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Turkey Earthquake: तुर्किये और पड़ोसी सीरिया में सोमवार (6 फरवरी 2023) सुबह 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसमें 2,300 से ज्यादा लोग मारे गये और हजारों घायल हो गये। घंटे भर बाद तुर्किये में दो और भूकंप आये। रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र तुर्किये के गाजियांटेप प्रांत (Gaziantep Province) में कहरा-मान-मारस (Kahra-Man-Mars) में था। बचाव अभियान अब भी जारी है क्योंकि सैकड़ों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है।
तुर्किये में सबसे ज्यादा तबाही झेलने वाले शहरों में अंकारा, गाजियांटेप, कहरा-मन-मारस, दियारबकीर, मालट्या और नूरदगी (Malatya and Nurdagi) शामिल हैं। तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन (President Recep Tayyip Erdogan) ने इस तबाही को 1939 के बाद की सबसे बड़ी तबाही बताते हुए आपातकाल लागू कर दिया है।
साल 1939 में तुर्किये में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 33,000 से ज्यादा लोग मारे गये थे। तुर्किये में 1999, 2011, जनवरी 2020 और अक्टूबर 2020 में भी उच्च तीव्रता के भूकंप आये। अब सवाल ये है कि तुर्किये में 6 से 7.8 तीव्रता के भूकंप क्यों आते हैं? लेकिन इससे पहले आपको ये समझना होगा कि भूकंप क्यों आते हैं।
हमारी धरती के अंदर सात टेक्टॉनिक प्लेट्स (Tectonic Plates) हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जिस इलाके में गति करते समय ये प्लेटें आपस में टकराती हैं उसे फॉल्ट लाइन (Fault Line) कहते हैं। जब प्लेटें आपस में टकराती हैं तो कंपन पैदा होता है, जिसे भूकंप कहते हैं। जिस जगह पर ये प्लेटें टकराती हैं, वो जगह भूकंप का केंद्र होता है।
जितनी तेजी से प्लेटें टकराती हैं, भूकंप की तीव्रता उतनी ही ज्यादा होती है। कभी-कभी टक्कर धीरे-धीरे होती है, जिससे भूकंप के बाद झटके महसूस होते हैं, इसे आफ्टरशॉक (Aftershock) कहते हैं।
जहां तक तुर्किये में लगातार भूकंप आने की बात है तो इसके पीछे की वजह इसकी खास लोकेशन है। तुर्किये हमारी धरती की तीन बड़ी टेक्टॉनिक प्लेटों के बीच बसा हुआ है। यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट (Eurasian Tectonic Plate) तुर्किये के उत्तरी इलाके में स्थित है, अफ्रीकी टेक्टोनिक प्लेट (African Tectonic Plate) दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में स्थित है और अरेबियन टेक्टोनिक प्लेट (Arabian Tectonic Plate) दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
जानकारों के मुताबिक तुर्किये क्षेत्र में अरेबियन टेक्टोनिक प्लेट लगातार यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट से टकरा रही है। इसी वजह से देश में आये दिन बड़े भूकंप आते रहते हैं।