न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): बंगाल चुनाव (Bengal Election) तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के लिए राजनीतिक अस्मिता का सवाल बन चुका है। जिसके लिए दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। जुबानी हमले, वार पलटवार और घोषणाएं का सिलसिला जोरों पर है। दोनों ही पार्टियां वोटरों को रिझाने के लिए कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। जिसके लिए सांस्कृतिक पहचान और खानपान तक को अब चुनावी अखाड़े में उतार दिया गया है।
हाल ही में तृणमूल कांग्रेस मां परियोजना नाम से एक मुहिम शुरू की। जिसके तहत 5 रूपये में लोगों को अंडा और चावल की थाली परोसने का कार्यक्रम शुरू किया गया। इस योजना को निशाना बनाते हुए भाजपा ने अब एक नया चुनावी दांव खेला। भाजपा की ओर से घोषणा की गई कि, जल्द ही सूबे के लोगों को मुफ्त में मछली और चावल परोसा जाएगा। ये सारी कवायद बंगाल का सिंहासन हासिल करने की बेताबी को दिखाती है। ममता बनर्जी ने मां स्कीम के तहत 200 ग्राम चावल के साथ अंड़ा, सब्जी और दाल देने का भी विकल्प उपलब्ध करवाया। ऐसे में भाजपा की ओर से मुफ्त मछली और चावल की पेशकश को चुनावी मास्टरस्ट्रोक (Electoral masterstroke) बताया जा रहा है।
प्रदेश भाजपा सूत्रों के मुताबिक पूर्वी मिदनापुर जिले (East Midnapore district) से मुफ्त मछली और चावल बांटने की शुरुआत की गयी। बीते मंगलवार पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं आम लोगों के साथ मिलकर मछली, चावल, दाल, चटनी और आलू की भुजिया खाकर इस वादे को हकीकत में बदलने की शुरूआत की। भाजपा विधानसभा चुनावों में बंगाली संस्कृति के तालमेल का प्रयोग करना चाहती है। जिसके तहत ये कदम उठाया गया है।
भाजपा की ये योजना कोलकाता के आसपास वालो जिलों में शुरू की जायेगी। इस योजना से हाशिए पर रह रहे गरीब वोटरों को साधने की कोशिश है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस कोलकाता के करीब डेढ़ सौ वार्ड़ों में मां प्रोजेक्ट के तहत 5 रूपये में अंडा चावल और सस्ते खाने की थाली परोसकर वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश में है।