न्यूज डेस्क (देवागंना प्रजापति): Bengal Panchayat Election Results: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को हुए पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में कम से कम 20 लोगों की मौत के बाद लगभग 697 बूथों पर पुनर्मतदान के एक दिन बाद वोटों की गिनती आज (11 जुलाई 2023) सुबह शुरू हो गयी। सुबह 10 बजे के आसपास आये रुझानों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने 10 ग्राम पंचायत सीटें जीत ली हैं और 601 अन्य सीटों पर बढ़त बनाये हुए है। बीजेपी 130 सीटों पर आगे है जबकि सीपीआई (एम) ने 131 सीटों पर बढ़त बना ली है।
लोकसभा चुनावों से एक साल पहले हुए इन पंचायत चुनावों को बड़े पैमाने पर ग्रामीण राज्य में होने वाली हिंसक वारदातों का बड़ा चेहरा माना जाता है। पश्चिम बंगाल (West Bengal) पर तृणमूल कांग्रेस के चुनावी दबदबे की शुरूआत साल 2008 के पंचायत चुनावों से मानी जाती है, जिसमें उसने (कांग्रेस के साथ) पंचायत चुनावों पर वाम मोर्चे के दशकों पुराने दबदबे को ध्वस्त कर दिया, जिससे तत्कालीन सत्तारूढ़ गठबंधन की सीटें कम हो गयी।
टीएमसी और कांग्रेस ने सीपीआई (एम) की अगुवाई वाले वाम मोर्चे से दो-दो जिला परिषदें भी छीन लीं। उस दौरान कई अन्य में वामपंथियों को कड़ी टक्कर मिली। एक साल बाद सिंगूर आंदोलन (Singur Movement) और टीएमसी में कांग्रेस से मिली गठबंधन की ताकत से ममता बनर्जी की पार्टी ने लोकसभा चुनावों में भारी जीत के साथ वामपंथियों को परेशान कर दिया, ये पैटर्न लगातार अभी तक बना हुआ है। कुछ इसी तर्ज पर साल 2018 के पंचायत चुनाव भी हुए थे, जहां कथित बड़े पैमाने पर धांधली और हिंसा के मद्देनजर जिसमें बड़ी तादाद में पंचायत सीटों के नतीजे सत्तारूढ़ दल के पक्ष में निर्विरोध घोषित किये गये थे, साल 2019 में भाजपा ने लोकसभा में भारी बढ़त हासिल की, जिससे वो टीएमसी को कड़ा मुकाबला देने का बेहद करीब आ गयी।
इस बीच मतगणना से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दलों ने मतगणना प्रक्रिया में गड़बड़ी के प्रयासों के आरोप लगाये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhary) ने बीते सोमवार (10 जुलाई 2023) को एसईसी को लिखा कि उन्हें मतगणना में धांधली की कोशिशों की रिपोर्ट मिली है। उन्होनें दावा किया कि उन्हें कई सूत्रों से जानकारी मिली है कि जिन केंद्रों पर मतगणना होनी है, वहां धांधली होने की पूरी संभावना है। सत्तारूढ़ दल के अलावा अन्य उम्मीदवारों/एजेंटों के घुसने को रोकने के लिये भारी तादाद में गुंडे और असामाजिक तत्व इकट्ठा हो गये हैं… इसके अलावा बड़ी संख्या में तस्वीरें और वीडियो मौजूद हैं, जहां सीलबंद मतपेटियों के साथ या तो छेड़छाड़ की जा रही है या चोरी की जा रही है। या यहां तक कि पोल पैनल को खोलकर उन्हें बदला भी जा रहा है।
सीपीआई (एम) ने तृणमूल कांग्रेस पर अपने एजेंटों को आज सुबह बीरभूम के नानूर में मतगणना केंद्र पर जाने से रोकने का आरोप लगाया है। पार्टी ने ये भी आरोप लगाया है कि किरनाहार बस स्टैंड (Kirnahar Bus Stand) पर उनके कार्यकर्ताओं की पिटाई की गयी और टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। हालांकि सत्तारूढ़ दल ने इन आरोपों से इनकार किया है। इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने आज सुबह दक्षिण 24 परगना में एक मतगणना केंद्र का दौरा किया। पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर में एक मतगणना केंद्र के बाहर देसी बम फटने की खब़र भी सामने आयी है।
हिंसा की खब़रों के बीच भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि- “धनियाखली विधानसभा में सुबह से हमारे भाजपा के काउंटिंग एजेंट काउंटिंग सेंटर में मौजूद थे लेकिन जब उन्हें(तृणमूल) पता चला कि बैलेट बॉक्स खुलने पर भाजपा को ज़्यादा वोट मिल रहे हैं तो सारे एजेंट को बाहर कर दिया गया और उसके बाद बाहरी लोग काउंटिंग सेंटर में घुस गए। महिलाओं के साथ मारपीट की गई, कार्यकर्ता के साथ मारपीट की गई। हमारी मांग है कि इस विधानसभा में फिर मतदान होने चाहिए”
फिलहाल खब़र लिखे जाने तक टीएमसी ने 10 सीटें जीत ली थी, साथ ही वो 601 सीटों पर भारी बढ़त बनाये हुए है। इसी क्रम में बीजेपी 130, सीपीआई 4, सीपीआई (एम) 131 और कांग्रेस 18 सीटों पर बढ़त हासिल किये हुए है।