न्यूज डेस्क (प्रियवंदा गोप): बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद (Bengaluru Police Commissioner B Dayanand) ने आज कहा कि आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिये कट्टरपंथी बने पांच लोगों को केंद्रीय अपराध शाखा ने असलहों और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया है और उनके पास से 12 मोबाइल फोन भी जब्त किये गये। संदिग्ध आतंकियों के पास से सात पिस्तौल, 45 जिंदा कारतूस, वॉकी-टॉकी और कुछ खंजर भी जब्त किये गये। साथ ही उनके कब्जे से विस्फोटकों की एक बड़ी खेप भी बरामद की गयी।
पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने मीडिया से कहा कि, “केंद्रीय अपराध शाखा असामाजिक ताकतों का भंडाफोड़ करने और उनके नापाक मंसूबों को नाकाम करने में कामयाब रही है। हेब्बल पुलिस स्टेशन (Hebbal Police Station) के तहत एक जगह पर छापा मारने के बाद पांचों संदिग्ध आंतकियों को गिरफ्तार किया गया।”
संदिग्धों को टी नज़ीर की ओर से कट्टरपंथी बनाया गया था, जो कि साल 2008 बेंगलुरु सीरियल बम विस्फोट मामले में आरोपी है, और एक अन्य आरोपी विदेश में रह रहा है। संदिग्धों पर हत्या, डकैती, लाल चंदन की तस्करी और कई दूसरी गैरकानूनी वारदातों को अंजाम देने का आरोप है। वो जेल में बंद दूसरे आतंकी आरोपी के संपर्क में थे।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि नजीर का पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से सीधा रिश्ता है। उन्होंने कहा कि नज़ीर के गैंग के सदस्य किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग बना रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक पांचों संदिग्धों को एक बड़ी साजिश की योजना बनाते समय शहर के सुल्तानपाल्या इलाके (Sultanpalya Locality)के कनकनगर इलाके में एक धार्मिक स्थल के पास से पकड़ा गया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले का एक अन्य सरगना, जो कि विदेश में छिपा हुआ है, पर साल 2017 में अपने कारोबारी प्रतिद्वंद्वी नूर अहमद की हत्या का आरोप था। दयानंद ने आगे कहा कि, उस मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों ने बताया कि ये पांच संदिग्ध उस हत्या मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये 21 लोगों में शामिल थे।