Russia Ukraine War: इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन शांति वार्ता के निकले बेहतर नतीज़े

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): Russia Ukraine War: चौथे दौर की शांति वार्ता के लिये रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधि आमने-सामने बैठे इस बार तुर्की के इस्तांबुल में कामयाबी के संकेत मिले, जिसे जल्द ही मैदान पर अंजाम दिया जा सकता है। यूक्रेन पर रूसी हमला 24 फरवरी को शुरू हुआ महीने भर की जंग को खत्म करने के लिये अब दोनों पक्ष लगभग तैयार दिख रहे है।

यूक्रेन के एक वार्ताकार ने आशावादी संकेत दिखाते हुए कहा कि राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच जल्द ही मुलाकात हो सकती है। पहले दौर की बातचीत के बाद रूसी प्रतिनिधिमंडल भी आशावादी था और इसे ‘सार्थक’ बताया।

इस बीच रूस ने आधिकारिक तौर पर राजधानी कीव और चेर्निहाइव (Kyiv and Chernihiv) से सैनिकों की कमी करने का ऐलान किया। रूस के उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन (Russian Deputy Defense Minister Alexander Fomin) ने कहा कि यूक्रेन के साथ बातचीत का माहौल बनाने के लिये ये फैसला लिया गया।

इसी समय यूक्रेनी अधिकारियों ने दावा किया है कि रूसी सैनिक अपने टारगेट को हासिल करने में नाकाम रहे हैं, इसलिये उन्हें सेना को वापस लेने की जरूरत है। तुर्की द्वारा आयोजित वार्ता ने उम्मीद जगायी कि रूस-यूक्रेन युद्ध के लिये राजनयिक संकल्प जल्द ही सामने आ सकता है।

यूक्रेन के वार्ताकार डेविड अरखामिया (Ukraine’s negotiator David Arkhamia) ने कहा कि मंगलवार की बैठक के नतीज़े नेताओं के स्तर पर बैठक के लिये काफी हैं। इससे यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक की संभावना बढ़ गयी है।

वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कई मौकों पर संकेत दिया है कि वो व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत में शामिल होने के इच्छुक हैं। इसके ठीक उलट रूसी विदेश मंत्रालय ने सोमवार (28 मार्च 2022) को दोनों नेताओं के बीच सीधी बातचीत को ‘प्रतिकूल’ बताते हुए खारिज कर दिया।

अहम कदम उठाते हुए रूसी सेना ने कहा कि वो यूक्रेन की राजधानी कीव और उत्तरी शहर चेर्निहाइव के पास ऑप्रेशंस में कमी करेगी, जिसके लिये सैन्य तैनाती को कम कर दिया जायेगा। उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फ़ोमिन ने कहा कि ये कदम ‘विश्वास बढ़ाने’ के लिये था। ये लड़ाई को खत्म करने और आगे की बातचीत के लिये जरूरी हालात तैयार करेगा। जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों को अनचाहा नुकसान हुआ है।

फोमिन ने मीडिया से कहा कि, “कीव और चेर्निहाइव की तरफ सैन्य गतिविधि को कम करने के लिए बड़े अंतर के साथ सैनिकों को हटाने का मौलिक फैसला लिया गया” यूक्रेन की सेना ने दावा किया कि उसने मंगलवार (29 मार्च 2022) को कीव और चेर्निहाइव के आसपास के इलाकों को अपने कब़्जे में लेने के लिये जोर लगा दिया है।

यूक्रेन ने तुर्की में रूस के साथ बातचीत में सुरक्षा गारंटी के बदले तटस्थ स्थिति अपनाने का प्रस्ताव रखा, जिसका मतलब है कि वो सैन्य गठबंधनों या सैन्य ठिकानों की मेजबानी नहीं करेगा, यूक्रेनी वार्ताकारों ने मंगलवार को कहा कि संघर्ष को हल करने के लिये यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की अपनी इच्छा को छोड़ने का भी ऐलान किया।

प्रस्तावों में रूस से जुड़े क्रीमिया की स्थिति पर 15 साल की परामर्श अवधि शामिल होगी, जो कि पूर्ण युद्धविराम की स्थिति में ही लागू हो सकती है। यूक्रेन के वार्ताकार ऑलेक्ज़ेंडर चाली ने कहा कि, “हम अपने इलाके में विदेशी सैन्य ठिकानों की मेजबानी नहीं करेंगे, साथ ही अपने क्षेत्र में सैन्य टुकड़ियों को तैनात करेंगे। हम सैन्य-राजनीतिक गठबंधनों की सदस्यता से परहेज करेगें।”

संभावित सुरक्षा गारंटरों में पोलैंड, इज़राइल, तुर्की और कनाडा पर के नाम विचार किया जा सकता है। शीर्ष रूसी वार्ताकार व्लादिमीर मेडिंस्की (Russian negotiator Vladimir Medinsky) ने कहा कि वो यूक्रेन के प्रस्तावों की जांच करेंगे और उन बिन्दुओं पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रिपोर्ट करेंगे।

यूक्रेन ने क्रीमिया और पूर्वी डोनबास (Crimea and Eastern Donbass) इलाके में अलग-अलग इलाकों के सवाल को दूर करने का प्रस्ताव रखा है। यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के प्रतिनिधि डेविड अरखामिया ने कहा कि सुरक्षा गारंटी के लिये जल्दी से लागू होने के लिये समझौता इन इलाकों को ‘अस्थायी तौर पर बाहर’ कर देगा।

क्रीमिया के लिये जिस पर रूस ने हमला किया और फिर 2014 में कब्जा कर लिया, वार्ताकार मायखाइलो पोडोलीक (Mykhailo Podolik) के मुताबिक कीव ने अपनी स्थिति को हल करने के लिये 15 वर्षों के दौरान चलने वाली बातचीत का प्रस्ताव रखा।

संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक देश की परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के और ‘तत्काल तकनीकी सहायता’ देने के मकसद से वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत के लिये बीते मंगलवार को यूक्रेन पहुंचे।

राफेल मारियानो ग्रॉसी (Rafael Mariano Grossi) ने कहा कि उनका मकसद यूक्रेन के परमाणु स्थलों के लिये ‘तुरन्त सुरक्षा और सहायता शुरू करना’ है। एजेंसी IAEA विशेषज्ञों को ‘प्राथमिकता वाली सुविधाओं’ पर भेजेगी, जिनकी उन्होनें पहचान नहीं की थी। साथ ही यूक्रेनी परमाणु संयंत्रों की निगरानी और आपातकालीन उपकरणों समेत ‘महत्वपूर्ण सुरक्षा और सुरक्षा आपूर्ति’ भेजेगी।

यूक्रेन में चार सक्रिय बिजली संयंत्रों में 15 परमाणु रिएक्टर हैं, और ये 1986 के परमाणु आपदा के स्थल चेर्नोबिल संयंत्र का भी घर है। रूसी सेना ने चेर्नोबिल और ज़ापोरिज़्ज़िया (Chernobyl and Zaporizhzhya) में सबसे बड़े सक्रिय बिजली संयंत्र पर नियंत्रण बना रखा है।

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