नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): भारत बंद (Bharat Bandh) के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर वार्ता का रास्ता खोलते हुए किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया है। जिसके लिए भारतीय किसान यूनियन की तरफ से राकेश टिकैत उनसे मुलाकात कर अपनी बात रखेगें। आज सुबह 11 बजे से शाम 3 बजे तक ‘भारत बंद’ का असर कहीं ज़्यादा तो कहीं कम दिख रहा है। कोलकाता, बिहार, ओडिशा और महाराष्ट्र में प्रदर्शनकारियों (Protesters) द्वारा रेल यातायात रोकने की खब़रे सामने आ रही है। ‘भारत बंद’ का आवाह्न किसानों नेताओं ने पांच दौर की वार्ता विफल रहने के बाद की।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में द्रमुक और कांग्रेस के कई सहयोगी दल बंद को सफल बनाने का भरसक प्रयास करते दिखे। पुडुचेरी में सड़कों पर ट्रैफिक नदारद दिखा। बंद को मजबूती देने के लिए दुकानें और कारोबारी गतिविधियां ठप्प दिखी। दिल्ली और मुंबई में रोजमर्रा की गतिविधियां (Everyday activities) रोज की तरह आम सी लगी। पूर्वोत्तर राज्यों में भी बंद का असर ना के बराबर दिखा। जयपुर में भाजपा मुख्यालय पर पीएम मोदी का पुतला फूंकने आये एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं की झड़प भाजयुमों के पदाधिकारियों से हो गयी। हालातों पर नियन्त्रण पाने के लिए हल्के पुलिस बल का इस्तेमाल करना पड़ा।
भारत बंद का सबसे ज़्यादा असर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, चंडीगढ़ हाईवे, और सिंघू बॉर्डर पर देखने को मिला। जहां किसानों ने चक्का जाम कर यातायात को प्रभावित किया। मुंबई की डब्बावाला एसोसिएशन भी किसानों के समर्थन में खड़ी दिखी। दरभंगा के गंज चौक पर राजद कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर अपना रोष जाहिर किया। भारत बंद के समर्थन में बेंगलुरु में कांग्रेसी नेताओं ने प्रदर्शन किया और गांधी की प्रतिमा के पास एकत्र हो काले झंडे दिखाकर कृषि कानूनों के प्रति नाराज़गी जाहिर की।
भारत बंद के समर्थन में कई राजनीतिक दल और व्यापार संगठन भी उतरे। पॉलिटिकल पार्टियों में शिवसेना, कांग्रेस, आम आदमी, तृणमूल, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और इसके घटक, टीआरएस, अकाली दल, राजद, सपा, बसपा, सीपीएम, सीपीआई और पीएजीडी खासतौर से शामिल है। ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (एआईआरएफ) ने भी प्रदर्शनकारी किसानों को अपना समर्थन दिया। इंडियन नेशनल लोक दल के आवाह्न पर हरियाणा में कई पेट्रोल पंप डीलरों ने अपने पेट्रोल पंप बंद रखे। छात्र राजनीतिक इकाई एसएफआई तथा डीवायएफआई (DYFI) ने भी पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में बंद सफल करवाने के प्रयास करते दिखे।
किसान नेताओं के अपील पर प्रदर्शनकारियों ने आपातकालीन सेवाओं के संचालन में किसी तरह की कोई बाधा नहीं पहुँचाई। दिल्ली से लगी हरियाणा और यूपी के सीमा पर पुलिस के साथ आरएएफ की भी तैनाती की गयी, ताकि हालात बिगड़ने की दशा में तुरन्त काबू पाया जा सके। डीएनडी-कालिंदी कुंज (DND-Kalindi Kunj) पर ट्रैफिक डायवर्ट करने के लिए पुलिस ने अतिरिक्त इंतज़ाम किये। सघन निगरानी रखने के लिए पुलिस के खास दस्ते ने ड्रोन की तैनाती की, ताकि स्थिति की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सके।