एजेंसिया/न्यूज डेस्क (निकुंजा राव): अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर कार्यालय से जारी एक खुफिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि, रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में जो बाइडेन को हराने के लिए साजिशों का ताना-बाना बुना था। जिसके तहत उनके इशारे पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में प्रचार अभियान छेड़ा गया। हर उस कोशिश को अंज़ाम दिया गया जिससे कि डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति की गद्दी पर काबिज हो सके। माना जा रहा है कि इस खुलासे से दोनों मुल्कों के द्विपक्षीय संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है।
इस रिपोर्ट में सीधे तौर पर किसी भी शख्स का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अटॉर्नी रूडी गिउलिआनी (President Donald Trump’s Attorney Rudy Giuliani) पर शक जाहिर किया गया है, जो कि राष्ट्रपति चुनावों के दौरान सीधे तौर पर रूसी एजेंटों के संपर्क में थे। रूडी गिउलिआनी ने उस दौरान राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन को बदनाम करने की कोशिश की थी। उन्होनें बताया था कि हंटर बाइडेन यूक्रेन कंपनी के साथ कारोबार करने के दौरान भ्रष्टाचार में लिप्त थे। माना जा रहा है कि इस खुलासे से वो रूडी गिउलिआनी बाइडेन के खिलाफा माहौल तैयार करना चाह रहे थे।
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप की लोकप्रियता कम करने के लिए ईरान ने कई खुफिया मिशन चलाए थे। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान तेहरान पर काफी दबाव बनाने की अमेरिकी नीति का पालन किया जा रहा था। ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान ईरान पर कई कड़े आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध (Strict economic and international sanctions) लगाये गये थे। जिसकी वजह से दोनों मुल्कों के बीच जुबानी जंग में काफी तेजी देखी गयी थी। साथ ही में रिपोर्ट में बताया गया कि राष्ट्रपति चुनावों के दौरान बीजिंग ने किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
बता दे कि साल 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान रूस पर चुनावी नतीजों प्रभावित करने का आरोप लग चुका है। पिछले साल यह मुद्दा वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोर रहा था। साथ ही कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया कि 2016 में ट्रंप को राष्ट्रपति बनाने में रूस का बड़ा हाथ रहा है। वहीं एक दूसरी खुफिया रिपोर्ट मे बताया गया कि चीन बाइडेन को अमेरिकी राष्ट्रपति बनते हुए देखना चाहता था। इसी रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया कि रूस पुरजोर कोशिश कर रहा था ताकि ट्रंप एक बार फिर से वॉशिंगटन के सिंहासन पर काबिज हो सके।
अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया एजेंसी CNN के मुताबिक साल 2020 से राष्ट्रपति चुनावों में रूसी दखल से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खासा नाराज़ है। माना जा रहा है कि अगले हफ़्ते मंगलवार को इस कवायद के ज़वाब में क्रेमलिन पर कई कड़े प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर सकते है।