न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): आईआईटी (IIT) के पृथ्वी विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर जावेद मलिक ने कहा है कि भारत को तुर्की और सीरिया (Turkey and Syria) की तरह ही बड़े पैमाने पर भूकंप का खतरा है। बता दे कि प्रोफेसर मलिक ने भारत में पहले आये भूकंपों के पीछे की वजहों पर रिसर्च करने में काफी समय बिताया है। प्रोफेसर मलिक (Javed Malik, Senior Professor, Department of Earth Sciences) के मुताबिक रिक्टर स्केल पर 7.5 तीव्रता से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप जल्द ही भारत के कुछ हिस्सों को बड़ा झटका दे सकते हैं।
इस बात की संभावना है कि भूकंप का केंद्र हिमालयी पुंजक या अंडमान और निकोबार (Andaman and Nicobar) द्वीप समूह होगा। इसलिये सावधान रहना काफी जरूरी है। इतने तेज भूकंप को देखते हुए हर स्तर पर सतर्कता बरतनी चाहिये। प्रोफेसर मलिक कच्छ, अंडमान और उत्तराखंड (Uttarakhand) के भूकंप प्रभावित इलाकों में पृथ्वी में परिवर्तन का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भूकंप के मद्देनजर भारत में पांच जोन हैं और सभी के सभी जोन खतरनाक है।
प्रोफेसर मलिक ने कहा कि जोन-5 में कच्छ, अंडमान निकोबार और हिमालयी इलाके आते हैं। जोन 4 में बहराइच, लखीमपुर, पीलीभीत, गाजियाबाद, रुड़की, नैनीताल (Nainital) समेत तराई क्षेत्र शामिल हैं। जोन-3 में कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, सोनभद्र (Sonbhadra) शामिल हैं।
भूकंप आने के पीछे की वजह बताते हुए प्रोफेसर मलिक ने कहा कि भूकंप तब आता है जब टेक्टोनिक प्लेट (Tectonic Plate) आपस में टकराती हैं। हाल ही में आये भूकंप ने तुर्की और सीरिया में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है, रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर 7.8 मापा गया था।