न्यूज़ डेस्क (दिगान्त बरूआ): एनडीटीवी इंडिया (NDTV) की पूर्व एंकर निधि राजदान (Nidhi Razdan) ने अपने साथ हुए एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा ट्विट कर बताया। जिसके तहत वह फिशिंग का शिकार हुई। हाल ही में निधि राजदान ने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बताया था कि, उन्हें हावर्ड यूनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी का ऑफर मिला है। ऐसे में वो एनडीटीवी की नौकरी छोड़ कर यह ऑफर ज्वॉइन करने जा रही है।
अब उन्हें ये पता लगा कि हावर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से उन्हें ऐसा कोई जॉब ऑफर नहीं किया गया। बल्कि वो साइबर फर्जीवाड़े का शिकार हुई है, उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की और साथ ही ईमेल के द्वारा हुए कम्युनिकेशन डिटेल्स (Communication details) को जांच पड़ताल के लिए पुलिस की साइबर क्राइम शाखा को सौंप दिया।
इस फर्जी ईमेल और जॉब ऑफर के चक्कर में निधि राजदान ने अपनी 21 साल पुरानी एनडीटीवी की नौकरी से रिजाइन कर दिया। हालांकि उन्हें गड़बड़ियों का एहसास काफी पहले हो गया था, लेकिन उन्हें लगातार ये विश्वास दिलाया जाता रहा कि कोरोना महामारी के बाद नया सेशन शुरू होने के साथ ही उन्हें हावर्ड में पत्रकारिता के अध्यापन कार्य (Journalism teaching) में लगा दिया जाएगा।
इस बीच वह सामने आने वाली प्रशासनिक खामियों को वो सिर्फ महामारी से होने वाली गड़बड़ी मानकर नज़र अन्दांज करती रही। मामला सामने आने पर पुलिस ने ईमेल के द्वारा हुई बातचीत की जांच के लिए, हावर्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन को भी इसमें शामिल किया।
निधि राजदान के मुताबिक जब उन्हें इस फर्जीवाड़े के बारे में पुख्ता तौर पर पता लगा तो, उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क साधा और उनसे स्थिति स्पष्ट करने की गुजारिश की। अधिकारियों के आश्वासन और आग्रह पर उन्होंने सारे कम्युनिकेशन ईमेल उनके साथ साझा किए, जो कथित तौर पर यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें जारी किए गए थे।
उन्होंने दावा किया कि साइबर अपराधियों (cyber criminals) की पहुंच उनके पर्सनल डाटा और कम्युनिकेशन तक हो गई है। जिसकी वजह से वो उनके ईमेल और सोशल मीडिया तक पहुंच बनाने में कामयाब हो गए। निधि ने इसे सुनियोजित जालसाजी और फिशिंग अटैक (Planned forgery and phishing attacks) बताया।