न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Kejriwal) को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बड़ा झटका देते हुये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) (GNCTD) विधेयक को मंजूरी दी। इस विधेयक के लागू होने का मतलब दिल्ली की प्रशासनिक कमान सीधे उपराज्यपाल के पास आ जायेगी। आम आदमी पार्टी इसे दिल्ली में सरकार’ का मतलब उपराज्यपाल कहकर प्रचारित कर रही है। इसके तहत दिल्ली सरकार को अब कोई कार्यकारी कार्रवाई करने से पहले एलजी से मंजूरी लेनी होगी। हाल ही में केंद्र ने GNCTD बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद राजपत्र अधिसूचना जारी की।
बिल के संशोधन के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली विधान सभा प्रशासन से जुड़े अपने रोजमर्रा के कामकाजों, प्रशासनिक फैसले और योजना लागू नहीं कर पायेगा। साथ ही इसके लिए सक्षम कमेटियां भी नहीं बना पायेगी। जो कि किसी तरह के नियम बनाये। दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम 2021 लागू होने से पहले से चल रही सभी प्रशानिक प्रक्रियायें और नियम स्थगित हो जायेगें। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस GNCTD बिल का खुलकर विरोध कर रही है। दोनों ही इस विधेयक को लोकतान्त्रिक प्रणाली और दिल्ली के लोगों का अपमान बता रही है।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने विधेयक को लेकर केंद्र को फटकार लगायी और कहा, दिल्ली की जनता (विधानसभा की 8 सीटें, एमसीडी उपचुनावों में 8 सीटें) द्वारा खारिज किये जाने के बाद, भाजपा इस विधेयक के जरिये दिल्ली सरकार की शक्तियां कम करना चाहती है। हम इसका पुरजोर विरोध करते है। हम भाजपा के असंवैधानिक और लोकतंत्र विरोधी कदम की कड़ी निंदा करते हैं।