टेक डेस्क (रंगनाथ दीक्षित): फेसबुक और व्हाट्सएप (Facebook and whatsapp) को करारा बड़ा झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज (22 अप्रैल 2021) को फेसबुक के स्वामित्व वाली मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप की दलीलों को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि व्हाट्सएप की नयी गोपनीयता नीति भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश को चुनौती दे रही थी।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा कि, व्हाट्सएप की नयी गोपनीय नीतियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं के नतीज़ों का इंतजार सीसीआई को करना होगा। ये पूरी तरह से विवेक पूर्ण होगा। अदालती फरमान नियामकों को विकृत करने या अधिकार क्षेत्र का हनन (Breach of jurisdiction) करने की इच्छा नहीं रखता। न्यायालय फेसबुक और व्हाट्सएप की सीसीआई द्वारा संचालित में जांच हस्तक्षेप करने की कोई मंशा नहीं रखता है।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने पाया कि CCI की जांच का आदेश किसी भी सूरत में गलत नहीं है। बल्कि ऐसा नहीं लगता है कि CCI असल में उपभोक्ताओं की गोपनीयता के मुद्दों पर खासा चिंतित है।
HC ने CCI द्वारा उठायी गयी कवायदों में पाया कि, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यूजर्स की प्राइवेसी का कथित तौर पर उल्लंघन होने की जांच नहीं कर रहा है बल्कि ये मामला शीर्ष अदालत के समक्ष पहले से ही लंबित है। सीसीआई व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति को लेकर चितिंत जो कि पूरी तरह विज्ञापन केन्द्रित (Advertisement Centric) है। ये नीति यूजर्स अत्यधिक डेटा संग्रह करने के मकसद से बनायी गयी है। ये साफतौर पर मार्केट में अपनी मजबूत पकड़ का नाजायज़ इस्तेमाल से जुड़ा मामला है। यहां किसी तरह क्षेत्राधिकार संबंधी त्रुटि का कोई सवाल ही नहीं है। फैसले के खिलाफ व्हाट्सएप और फेसबुक ने जिन दलीलों का इस्तेमाल किया, वो आधी अधूरी और गलत है।