न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): Bihar: हाल ही के दिनों में कई ग्रामीण इलाकों में दिहाड़ी मजदूर और किसानों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये आने की खब़रें सामने आयी है। कुछ इसी तरह का वाकया बिहार के सुपौल शहर के सिसौनी इलाके से सामने आया। जहां विपिन चौहान नाम के मजदूर ने मनरेगा (MANREGA) के लिए जॉब कार्ड (Job Card) खुलवाने के लिये यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक सेवा केंद्र (सीएसपी) आउटलेट पर पहुँचे थे। जहां पहुंचकर उन्हें पता लगा कि उनके नाम पर पहले से ही खाता है, जिसमें 9.99 करोड़ रुपये हैं।
खास बात ये है कि विपिन चौहान ने पहले कभी किसी बैंक में खाता नहीं खोला था। मामले का खुलासा सीएसपी आउटलेट ऑपरेटर (CSP Outlet Operator) ने किया। ऑपरेटर ने बताया कि उनके नाम पर पहले से ही खाता चल रहा है, जिसमें करीब दस करोड़ रूपये पड़े हुए है। जिसे सुनकर विपिन चौहान के होश उड़ गये।
मामले पर विपिन चौहान ने कहा कि- मैंने संबंधित बैंक शाखा से संपर्क किया है, अधिकारियों ने खाते के विवरण की जांच की है। इसे 13 अक्टूबर 2016 को खोला गया और फरवरी 2017 में खाते में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ। बैंक अधिकारियों को मेरी तस्वीर, हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान नहीं मिले। सिर्फ आधार कार्ड नंबर मेरा है। फिलहाल खाते में 9.99 करोड़ रुपये पड़े हुए हैं।
बैंक अधिकारियों ने खाता खोलने के फार्म की तलाशी ली लेकिन वो शाखा में नहीं मिला। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) के एक अधिकारी ने कहा, 'मामला हमारे संज्ञान में आने के बाद हमने बैंक खाते को फ्रीज कर दिया है। ये पता लगाने के लिये इंटरनल इंक्वायरी (Internal Inquiry) भी चल रही है कि क्या इस खाते के साथ लेनदेन में अन्य खातों का भी इस्तेमाल किया गया था।'
बिहार में ये पहला मामला नहीं है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कटरा थाना इलाके के सिंगारी गांव के एक बुजुर्ग राम बहादुर शाह के बैंक खाते में 52 करोड़ रुपये आये थे। इसी तरह एक और घटना कटिहार जिले में सामने आयी जब कक्षा 6 के दो स्कूली छात्रों - आशीष कुमार और गुरुचरण विश्वास के बैंक खातों में 15 सितंबर को क्रमशः 6,20,11,100 रुपये और 90,52,21,223 रुपये आये। दोनों बच्चे बघौरा पंचायत के पस्तिया गांव के रहने वाले हैं। इनके बैंक खाते उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक (Uttar Bihar Gramin Bank) में हैं।