न्यूज़ डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): बिहार विधानसभा (Bihar Election) चुनाव प्रचार में पीएम मोदी ने एनडीए की ओर से प्रचार कमान संभाल ली है। इस अभियान के तहत वो तकरीबन पूरे प्रदेश में 12 चुनावी रैलियों को संबोधित करेगें। आज इसी क्रम में पीएम मोदी ने सासाराम और गया (Sasaram and Gaya) में रैली के माध्यम से चुनाव प्रचार को अन्ज़ाम दिया। दोनों ही जगह उनके निशाने पर महागठबंधन में शामिल पार्टियां रही। पीएम मोदी ने बिहार के पिछड़ेपन और अव्यवस्था के लिए इशारों ही इशारों में राजद और कांग्रेस पर निशाना साधा। नीतीश कुमार की अगुवाई में उन्होनें बिहार के बेहतर भविष्य का दावा किया। भागलपुर में चुनावी रैली (Election campaign rally in Bhagalpur) के दौरान पीएम मोदी के साथ एनडीए के सीएम पद के दावेदार नीतीश कुमार भी मंच पर नज़र आये। इसके साथ ही प्रचार मंच पर एनडीए के कई दूसरे कद्दावर नेताओं ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवायी। वर्चुअल तौर पर इस रैली में जदयू के 13, हम के एक और भाजपा के 10 विधानसभा प्रत्याशी भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव प्रचार कार्यक्रम में जुड़े।
कोरोना काल में हो रहे विधानसभा चुनावों के बीच रैली में कई सावधानियां बरती गयी। सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइंस (Social Distancing and Corona Guidelines) का सख्ती से पालन होता देखा गया। इसके साथ ही रैली में सिर्फ उन्हीं लोगों को शामिल होने की इज़ाजत दी गयी, जिनकी कोरोना जांच निगेटिव पायी गयी। इस दौरान सुरक्षा के भी चाक-चौबंद इतज़ाम देखे गये। बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड, एसपीजी और राज्य पुलिस के विशेष दस्ते की तैनाती भी की गयी।
भागलपुर की चुनावी रैली में पीएम ने कही, ये बड़ी बातें
- बिहार के लोग ये ठान चुके हैं कि एनडीए को फिर जिताना जरूरी है। ज़रूरी इसलिए ताकि बिहार प्रगति के जिस पथ पर चल रहा है, उसकी गति और तेज़ हो। ज़रूरी इसलिए है, ताकि देश को सशक्त करने के लिए जो फैसले लिए गए हैं, वो बिहार में भी तेजी से लागू हों।
- NDA के विरोध में आज जो लोग खड़े हैं, वो देशहित के हर फैसले का विरोध कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर से धारा-370 हटाने का फैसला हो, ये लोग विरोध में हैं। तीन तलाक के विरुद्ध कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को नए अधिकार देना हो, ये लोग विरोध में हैं।
- भारत की जांबाज सेना आतंकियों पर कोई कार्रवाई करे, सदहद पर तिरंगे की शान बढ़ाए, ये लोग विरोध में हैं। सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने को कहे, ये लोग विरोध में हैं। राष्ट्रहित में कोई भी, कुछ भी फैसला ले, ये लोग विरोध में हैं।
- ये सिर्फ सत्तासुख के हैं, आपकी, जनता की सेवा से, आपकी जरूरतों से इनका कोई सरोकार नहीं है। जब-जब बिहार ने इन लोगों पर विश्वास किया है, बिहार के साथ, बिहार के गौरव के साथ विश्वासघात किया गया है।
- बिहार को लूटकर इन लोगों ने अपने परिवार की तिजोरियां भरी हैं, अपने रिश्तेदारों को अमीर बनाया है। समाज के अन्य वर्ग, हमारे दलित-महादलित, पिछड़े-अतिपिछड़े, आदिवासी, गरीब, इनके परिवार की चिंता इन लोगों ने कभी नहीं की।
- बिहार वो स्थान है जहाँ लोकतंत्र के बीज बोए गए थे। क्या जंगलराज में कभी भी विकास और लोकतांत्रिक मूल्य फल-फूल सकते हैं? बिहार भ्रष्टाचार मुक्त शासन का हकदार है। इसे कौन सुनिश्चित करेगा? खुद भ्रष्टाचार में लिप्त लोग या भ्रष्टाचारियों से लड़ने वाले लोग।
- बिहार विकास का हकदार है। विकास कौन सुनिश्चित करेगा? वो जिन्होंने केवल अपने परिवार का विकास किया या वो जो लोगों की सेवा में अपना परिवार भी भूल गए।
- बिहार रोजगार और उद्यमिता का हकदार है। ये कौन सुनिश्चित कर सकता है? वो जो सरकारी नौकरी देने को रिश्वत कमाने का जरिया मानते हैं या वो जो लोग बिहार की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने और स्किल मैपिंग का काम कर रहे हैं।
- बिहार निवेश का हकदार है! ये कौन सुनिश्चित कर सकता है? जिन्होंने बिहार को जंगल-राज बना दिया या जो लोग बिहार को सुशासन दे रहे हैं, बिहार के विकास में जी जान से जुटे हैं।
- बिहार बेहतर कानून व्यवस्था का हकदार है। ये कौन सुनिश्चित करेगा? वो जिन्होंने गुंडों को खिलाया-पिलाया पाला या वो जिन्होंने गुंडों पर डंडा चलाया।
- बिहार अच्छी शिक्षा के अवसरों का भी हकदार है। क्या ये उन लोगों द्वारा सुनिश्चित किया जा सकता जिन्हें शिक्षा का महत्व ही नहीं पता या वो लोग जो IIT, IIM और AIIMS को राज्य में लाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
- भागलपुर सहित बिहार के शहरों की जो हालत इन लोगों ने कर दी थी, वो आप अच्छी तरह जानते हैं। छोटे दुकानदार, व्यापारी कारोबारी, मज़दूर इनके जंगलराज में हर कोई परेशान था।
- इसी का नतीजा था कि भागलपुर, मुंगेर सहित यहां के तमाम जिलों में सिल्क के अलावा दूसरे उद्योगों के लिए भी जो अवसर थे, वो खत्म होते गए।
- सामान्य जन की सुविधा के लिए, बिहार के युवा के रोज़गार और स्वरोज़गार के लिए बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी था। इसी सोच के साथ बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपए का प्रधानमंत्री पैकेज घोषित किया गया था।
- भागलपुर सहित बिहार के अनेक शहर और व्यापारिक केंद्र गंगाजी के किनारे बसे हुए हैं। आज हल्दिया और वाराणसी के बीच वॉटर-वे पर व्यापारिक जहाज़ तो चलने ही लगे हैं इसे अब और बड़े जहाजों के लिए भी तैयार किया जा रहा है। इससे भागलपुर को भी सस्ती और कम प्रदूषण वाली कनेक्टिविटी मिलेगी।
- अभी जो हाल में ही देश की कृषि को आधुनिक बनाने के लिए, बड़े सुधार किए गए हैं, उनका भी लाभ बिहार के किसानों को होगा। मंडियों से जुड़ा कानून तो यहां पहले ही खत्म कर दिया गया था। अब बिहार में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर और तेजी से काम होने की संभावना बनी है।
- अब बिहार के गांवों में, छोटे शहरों में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था का और विस्तार होगा। जो नए कानून बने हैं उससे यहां के आम, मक्का, लीची, केले की पैदावार करने वाले किसानों को बहुत मदद मिलने वाली है। नए प्रावधानों से खेत के पास ही स्टोरेज की सुविधाएं तैयार होंगी।
- एनडीए के विरोधी दल जब किसानों के लिए कुछ कर नहीं पाए तो अब किसानों को लगातार झूठ बोलने में जुट गए हैं। आजकल ये लोग MSP को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं।
- ये एनडीए की ही सरकार है जिसने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने की सिफारिश लागू की थी। ये एनडीए की ही सरकार है जिसने सरकारी खरीद केंद्र बनाने और सरकारी खरीद, दोनों पर बहुत जोर दिया है।
- इनके पास आज तक इसका जवाब नहीं है कि जब इनकी सरकार थी तब MSP पर फैसला क्यों नहीं लिया? क्यों इन लोगों के समय में किसानों से इतना कम अनाज खरीदा जाता था? क्यों इन लोगों ने किसानों की, बिहार के किसानों की परवाह नहीं की।