नई दिल्ली (शौर्य यादव): भाजपा (BJP) ने साल 2015 में सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP- Aam Aadmi Party) की ओर से बनायी गयी फीडबैक यूनिट या एफबीयू के जरिये राजनेताओं की कथित “जासूसी” को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) को उनके पद से हटाने की मांग को लेकर आज (9 जनवरी 2023) दिल्ली सचिवालय (Delhi Secretariat) के पास विरोध प्रदर्शन किया। उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) ने एफबीयू के गठन को लेकर और कामकाज की जांच के बाद सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिये गृह मंत्रालय के जरिये सीबीआई जांच की सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी है।
सीबीआई (CBI) की शुरूआती जांच रिपोर्ट में दावा किया गया कि साल 2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के महीनों बाद दिल्ली सरकार ने एफबीयू का गठन किया, इसके जरिये आप इस संस्था की मदद से राजनीतिक खुफिया जानकारी बटोरने में लगा हुआ था। मामले पर दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Delhi BJP working president Virendra Sachdeva) ने कहा कि, “कोई भी, यहां तक कि पत्रकार, व्यवसायी और वरिष्ठ अधिकारी भी फीडबैक यूनिट से अछूते नहीं थे। जिस तरह से आप सरकार काम कर रही है, बहुत जल्द मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों सलाखों के पीछे होंगे।”
सचदेवा ने इसे ‘बेहद गंभीर’ मामला करार देते हुए कहा कि केजरीवाल (Kejriwal) और सिसोदिया दोनों के जेल में रहने तक भाजपा संघर्ष करती रहेगी। विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी (Ramveer Singh Bidhuri) ने कहा कि आबकारी “घोटाले” के बाद, एफबीयू “जासूसी” मुद्दे ने सिसोदिया को फिर से सवालों के घेरे में ला खड़ा कर दिया है।