न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): उत्तर प्रदेश की कोर्ट ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले (Muzaffarnagar Riots Case) से जुड़े एक मामले में 12 लोगों को दोषी ठहराया है। दोषियों में भाजपा विधायक विक्रम सैनी (BJP MLA Vikram Saini) भी शामिल हैं। भाजपा नेता समेत 11 लोगों को 2 साल जेल की सजा सुनाई गयी है जबकि 12 आरोपियों को एक साल जेल की सजा मिली है।
विधायक और 11 लोगों को दंगा करने, घातक हथियारों से हमला करने, जीवन को खतरे में डालने और आपराधिक बल के इस्तेमाल के आरोप में दोषी ठहराया गया। अन्य आरोपों में मारपीट, लोक सेवकों को कर्तव्य के निर्वहन से रोकना और आपराधिक धमकी देना शामिल है। 12वें आरोपी को सिर्फ आर्म्स एक्ट (Arms Act) के तहत दोषी करार दिया गया। ये सभी हत्या के प्रयास के आरोप से बरी हो गये थे। 15 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
बता दे कि मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान 60 से ज्यादा लोग मारे गये थे और 60,000 लोग विस्थापित हुए थे। एफआईआर के मुताबिक दो लोगों ने कथित तौर पर दूसरे समुदाय के एक शख्स की हत्या कर दी। ग्रामीणों ने शहर और पड़ोसी जिलों में दंगे भड़काने वाले दो लोगों की हत्या कर दी थी।
विक्रम सैनी खतौली (Khatauli) से बीजेपी विधायक हैं। उनके वकील ने कहा कि वो फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे। विधानसभा क्षेत्र जिले में स्थित है। उन्होंने 2017 में और फिर 2022 में विधानसभा सीट जीती। वो कवल गांव के मुखिया थे जहां दंगे हुए थे। उन पर साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े हत्या के प्रयास और अन्य आरोपों का दोषी पाया गया।
सैनी का जन्म 1969 में कवल में हुआ था। वो पेशे से किसान हैं। साल 2014 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। सैनी पिछले कुछ सालों में कई विवादों में घिरे रहे हैं। मार्च 2017 में उन्होंने गायों की बेअदबी करने या उनकी हत्या करने वालों का अंग-भंग करने की कसम खायी थी। उसी साल अक्टूबर में उन्होनें एक सभा से कहा था कि वो हिंदू महिलाओं को परेशान करने वालों को सरेआम पीटेगें। अगले साल उन्होंने कहा कि हिंदुओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिये।
साल 2019 में उन्होंने मांग की थी कि जो लोग वंदे मातरम के खिलाफ हैं उनके खिलाफ कानून होना चाहिये और उन्हें देशद्रोही घोषित किया जाना चाहिये। उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार (Nehru-Gandhi Family) को ‘अय्याश’ भी कहा था।