न्यूज़ डेस्क (समरजीत अधिकारी): काफी लंबे समय से ओटीटी प्लेटफार्म पर सरकारी लगाम कसने की बातें कही जाती रही है। आए दिन इनके कंटेंट को लेकर काफी बवाल होता रहा है। इसी कड़ी में amazon prime की सीरीज तांडव (Tandav) घिरती नजर आ रही है।
लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर इस सीरीज के विवादास्पद दृश्यों और डायलॉग्स सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को खत लिखकर आपत्ति दर्ज़ करवाई साथ ही इसके खिलाफ वाजिब कारवाई करने की मांग की। उनके मुताबिक, रचनात्मकता और मनोरंजन के नाम पर षड्यंत्र के तहत हिन्दू धर्म को निशाना बनाया जा रहा है।
webseries धर्मविरोधी, देशविरोधी, स्वामी विवेकानन्द विरोधी और सामाजिक समरसता पर कुठाराघात करने वाली। इस सीरीज के निर्देशक अली अब्बास जफर और कलाकार जिशान अय्यूब CAA विरोधी है|
खत में उन्होंने लिखा कि-ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित बेलगाम कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए अध्यादेश जारी करने के बावजूद मनोरंजन और रचनात्मकता के नाम पर अश्लील दृश्य, हिंसा, गालियों की भरमार, सनातन धर्म के प्रतीक, संस्कृति और मान्याताओं, हिंदू देवी-देवताओं का अपमान और माखौल उड़ाना बदस्तूर जारी है।
अमेजन प्राईम पर अली अब्बास जफर के निर्देशन में बनी ‘तांडव’ वेब सीरीज के माध्यम से पुनः भारत की 100 करोड़ से अधिक की आबादी के अराध्य भगवान भोलेनाथ और प्रभु श्री राम के चरित्र को हास्य और विनोद का विषय बनाया गया है जो निंदनीय एवं कृत्सित मानसिकता का परिचायक है। साथ ही भगवान भोलेनाथ के भेष में कलाकार जीशान अय्युब द्वारा अपशब्दों को प्रयोग, महादेव के वेशभूषा में छेड़छाड़ किसी भी रूप में बर्दाश्त योग्य नहीं है। इससे मेरे जैसे करोड़ों शिवभक्तों की आस्था को गहरा आघात पहुंचा है।
इसके अतिरिक्त सनातन धर्म के ध्वजावाहक स्वामी विवेकानंद जी के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम रखकर टुकड़े-टुकड़े गैंग समर्थकों द्वारा उनकी छवि और विचारधारा को भी धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया गया है क्योंकि स्वामी विवेकानंद जी आज भी भारत के विश्व में ‘ब्रांड एम्बेसडर’ एवं युवाओं के आइकन है।
Web series में दिखाए गए जातीय वैमनस्य पर उन्होंने लिखा कि, सीरीज के माध्यम से हिंदू धर्म की सामाजिक समरसता को भी खंडित करने और प्राॅपगेंडा के तहत दलित और सवर्णो के बीच कटुता बढ़ाने का प्रयास किया गया है जिसके लिए स्त्री का चित्रण करना घृणित मानसिकता का परिचायक है जबकि सच यह है कि भगवान श्रीराम ने स्वंय माता शबरी के झूठे बेर खाएं, केवट को अपने बराबर का सम्मान दिया, आदिकवि महर्षी वाल्मीकि के आश्रम में भगवान के पुत्रों का जन्म हुआ, ये तथ्य प्रमाणित करते है कि आदिकाल से ही दलित और सवर्णो के बीच काई कटुता नहीं थी।
मुगलों के अत्याचारों और धर्मातरण के दबाव के बावजूद दलितों ने मेला ढोया और सूकर तक पालें लेकिन कभी हिंदू धर्म का त्याग नहीं किया। कट्टरपंथी मुस्लिम निदेशक अली अब्बास जफर के कुकृत्य से देश की बहुसंख्यक हिंदू आबादी आक्रोशित है और अगर इस वेबसीरीज को प्रतिबंधित नहीं किया गया तो देश में किसी भी बड़ी हिंसक घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।
आगे उन्होंने रोष जाहिर करते हुए लिखा कि- कट्टरपंथी इस्लामिक देशों और अंडरवल्र्ड दाउद इब्राहिम के हाथों बिक चुके बाॅलीवुड के निर्माताओं, लेफ्ट विंग, टुकड़े-टुकडे़ गैंग और मुस्लिम कट्टरपंथी समर्थकों द्वारा एक एजेंडे के तहत लगातार सनातन विरोधी कंटेंट को रचनात्मकता, अभिव्यक्ति एवं स्वतंत्रता के नाम पर फिल्म, वेब सीरीज और स्टैंड-अप काॅमेडी का हिस्सा बनाया जाता है जबकि क्या कारण है कि आजतक इनके द्वारा हजरत मोहम्मद साहब और इस्लाम मजहब पर एक भी फिल्म और मजाकिया किरदार नहीं बनाया गया? यह दोहरा मापदंड ही इनके पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का सूचक है।
सीएए दंगों के समर्थक और सीरीज के निदेशक अली अब्बास जफर द्वारा प्राॅपगेंडा के तहत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के दौरान हुए प्रायोजित आंदोलन, टुकड़े-टुकड़े गैंग और देशविरोधी विचारधारा को महिमामंडित कर, कार्रवाई को अनुचित ठहराने की निदंनीय कोशिश भी की है।
उचित कार्रवाई की मांग करते हुए नंदकिशोर गुजरने लिखा कि, ‘तांडव’ वेब सीरीज के प्रसारण और डिजीटल प्लेटफार्म अमेजन प्राइम इंडिया पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ निदेशक अली अब्बास जफर, जीशान अय्युब, सैफ अली खान व अन्य फर्जी कलाकारों पर रासुका के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने की कृपा करें जिससे भविष्य में किसी भी माध्यम के द्वारा देशविरोधी, धर्मविरोधी और सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचाने वाली सामाग्री प्रसारित करने का कोई दुस्साहस न जुटा सकें।