ज़ुबानी हमले में, बुरे फंसे Sambit Patra

नई दिल्ली (श्रेयसी श्रीधरा): भाजपा के तेजतर्रार प्रवक्ता संबित पात्रा टीवी डिबेट्स पर अक्सर विपक्षियों पर भारी पड़ते दिखते हैं। आक्रमक तेवर और लच्छेदार भाषा से विरोधियों को परास्त करना उनका शौक है लेकिन इस बार टि्वटर (Twitter) पर उनका किया विवादित ट्विट उनके गले की फांस बनता दिखा। ताजा मामले में संबित पात्रा ने अपने टि्वटर हैंडल से एक तस्वीर अपलोड की। जिसके मुताबिक अगर कोरोना (Corona) संकट कांग्रेसी राज के दौरान आया होता तो 20 हजार करोड़ रुपयों का जवाहर सैनिटाइजर घोटाला और 26 हजार करोड़ रुपयों का राजीव गांधी वायरस रिसर्च घोटाला हुआ होता।

https://twitter.com/sambitswaraj/status/1259545621729431558?s=20

संबित पात्रा के इस ट्वीट के खिलाफ यूथ कांग्रेस अध्यक्ष रामनिवास की अगुवाई में संसद मार्ग थाने में शिकायत दर्ज करवाई गयी। इसके साथ ही रायपुर के सिविल लाइंस थाने में छत्तीसगढ़ यूथ कांग्रेस प्रमुख पूर्णाचंद पाढ़ी ने भी संबित पात्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। दर्ज की गई शिकायत में संबित पात्रा पर सामुदायिक वैमनस्य और धार्मिक भावनाएं भड़काने के तहत मामला पंजीकृत हुआ। पाढ़ी द्वारा दी गई लिखित शिकायत के मुताबिक संबित पात्रा ने कश्मीर, 1984 सिख दंगें और बोफोर्स कांड के बारे में निराधार ट्वीट करके जनता को बरगलाया है। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और राजीव गांधी पर बेबुनियाद इल्जाम भी लगाए। सोशल मीडिया पर संबित पात्रा के ऐसा रवैया देश की शांति व्यवस्था और भाईचारे की भावना के लिए बड़ा खतरा है। संबित का उकसावे से भरा ये ट्विट कानून व्यवस्था को बिगाड़ सकता है। दरअसल ट्विटर पर बयानबाजी का सिलसिला उस वक्त शुरू हुआ, जब मध्य प्रदेश कांग्रेस में ट्विटर पर लिखा कि- अगर कोरोना संकट के दौरान कांग्रेस सरकार सत्ता में होती तो, टेस्ट करने, बचाव, रोकथाम, उपचार, राहत व्यवस्था करने में आगे होती।

इसके साथ ही मामले में महाराष्ट्र के ठाणे में भी प्राथमिकी दर्ज हुई है। इंडियन यूथ कांग्रेस नेता बृजकिशोर दत्त ट्वीट कर लिखते हैं कि- संबित पात्रा के विवादास्पद बयान पर महात्मा फुले कल्याण पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई।

राजनेता सियासत में दखल देने के अलावा ओपिनियन लीडर भी होते हैं। उनकी कही बातें कहीं ना कहीं एक बड़े तबके पर सीधा असर डालती है। ऐसे में उन्हें विवादास्पद मुद्दों और भड़काऊ बातें से बचना चाहिए। अफवाह और फेक न्यूज़ को सोशल मीडिया का साथ मिलता है तो ये जंगल की आग की तरह बहुत तेज़ी से फैलती है।

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