एजेंसियां/न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): अमेरिका इन दिनों बम साइक्लोन (Bomb Cyclone) नाम के बर्फीले तूफान की मार झेल रहा है। देश के ज्यादातर हिस्सों में फैले इस तूफान ने देश भर में कम से कम 48 लोगों की जान ले ली। इस बर्फीले तूफान की वजह से तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है।
न्यूयॉर्क (New York) जैसी जगहें पूरी तरह से जमी हुई हैं, सड़कें बंद कर दी गयी हैं, ट्रेनें रोक दी गयी हैं और हजारों उड़ानें भी रद्द कर दी गयी हैं। खुली हवा में सांस लेना जानलेवा हो गया है। न्यूयॉर्क में 6 फ़ीट तक बर्फ़ गिरी है। टेक्सास, नॉर्थ कैरोलिना, वर्जीनिया और टेनेसी (Virginia and Tennessee) जैसे राज्यों में भी मौसम लगातार कहर बरपा रहा है।
मौसमी हालातों को देखते हुए अमेरिकी नेशनल गार्ड्स (US National Guards) को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गये हैं। ‘बम चक्रवात’ पड़ोसी देश कनाडा से भी टकरा रहा है। इस बीच एशिया (Asia) में जापान (Japan) चरम मौसम के हालातों से सबसे ज्यादा प्रभावित है। देश में अब तक कम से कम 17 लोगों की जान जा चुकी है।
मौसम वैज्ञानिक ठंड के इस हमले को जलवायु परिवर्तन से भी जोड़कर देख रहे हैं। इस बर्फ़ीले तूफ़ान की बराबरी साल 1977 की सर्दियों से की जा रही है जब बर्फ़बारी और सर्द हवाओं ने 29 लोगों की जान ले ली थी।
बेहद खराब विजिबिलिटी और बर्फबारी की वज़ह से पिछले तीन दिनों के भीतर 12,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गयी हैं, जबकि कई उड़ानें लेट हुई। बर्फबारी के कारण बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है, इस भीषण ठंड में भी लाखों लोग बिना बिजली के अंधेरे में रहने को मजबूर हैं।
अमेरिका की लगभग 60 फीसदी आबादी को सर्दियों के मौसम की किसी न किसी तरह की सलाह या चेतावनी का सामना करना पड़ा, साथ ही रॉकी पर्वत के पूर्व से एपलाचियन (Appalachian) तक तापमान सामान्य से काफी नीचे गिर गया।