न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन (British Prime Minister Boris Johnson) भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। आज (22 अप्रैल 2022) उन्होनें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से ब्रिटेन और भारत की रणनीतिक रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी के मुद्दों पर गहन बातचीत की, जिसका मकसद हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग और घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत कर आगे बढ़ना है।
बता दे कि बोरिस जॉनसन गुरुवार (21 अप्रैल 2022) देर रात दिल्ली पहुंचे, जहां केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Union Minister Rajiv Chandrashekhar) ने एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी की। आज सुबह जॉनसन राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक स्वागत समारोह में शामिल हुए और उसके बाद महात्मा गांधी की समाधि राजघाट (Mahatma Gandhi’s Samadhi Raj Ghat) पर पुष्पांजलि अर्पित की।
ब्रिटिश उच्चायोग (British High Commission) के एक बयान के मुताबिक जॉनसन इस साल की शुरुआत में शुरू किये गये मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ता में प्रगति को आगे बढ़ाने के लिये इस दौरे का इस्तेमाल करेंगे क्योंकि भारत के साथ एक समझौते से यूके के कुल व्यापार को 28 बिलियन तक बढ़ाने की संभावना ज़ाहिर की गयी है।
पिछले साल जॉनसन और पीएम मोदी ने यूके-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर सहमति व्यक्त की, जिसमें यूके में 530 मिलियन पाउंड से ज़्यादा के निवेश का ऐलान किया गया। व्यापार, स्वास्थ्य, जलवायु, रक्षा और सुरक्षा में गहरे द्विपक्षीय संबंध के लिये दोनों मुल्कों ने मज़बूत प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है।
दोनों देशों के बीच तीसरे दौर की वार्ता अगले हफ़्ते शुरू होगी और दोनों पक्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के इच्छुक हैं। यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) भी भारत में रक्षा उत्पादन में अपनी हैसियत लगातार बढ़ाने की सोच रहा है। सूत्रों के मुताबिक रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia-Ukraine conflict) को द्विपक्षीय वार्ता में शामिल किये जाने की उम्मीद है, जिसमें जॉनसन ब्रिटेन की स्थिति को सामने रखेंगे और भारत को भाषण ना देते हुए भारतीय पक्ष को सुनेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष यूक्रेन पर एक-दूसरे की स्थिति को समझते हैं और सम्मान करते हैं और ये चर्चा का हिस्सा भी होगा।
बोरिस जॉनसन के साथ संयुक्त प्रेस में पीएम मोदी ने कहीं ये खास बातें
- पिछले कई वर्षों से भारत और UK के संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री जॉनसन की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। इस समय, जब भारत अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का यहाँ आना, अपने आप में एक ऐतिहासिक पल है।
- पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच Comprehensive Strategic Partnership की स्थापना की थी।
- और इस दशक में अपने संबंधों को दिशा देने के लिए हमने एक महत्वाकांक्षी “रोडमैप 2030” भी लॉन्च किया था। आज की हमारी बातचीत में हमने इस रोडमैप में हुई प्रगति को review भी किया, और आगामी समय के लिए कुछ लक्ष्य भी तय किये।
- Free Trade Agreement के विषय पर दोनों देशों की teams काम कर रही हैं। बातचीत में अच्छी प्रगति हो रही है। और हमने इस साल के अंत तक FTA के समापन की दिशा में पूरा प्रयास करने का निर्णय लिया है।
- भारत में चल रहे व्यापक reforms, हमारे infrastructure modernization plan और National Infrastructure Pipeline के बारे में भी हमने चर्चा की।
- हम UK की कंपनियों द्वारा भारत में बढ़ते निवेश का स्वागत करते हैं। और इसका एक उत्तम उदाहरण हमें कल गुजरात में हालोल में देखने को मिला।
- आज हमने अपनी climate और energy पार्टनरशिप को और अधिक गहन करने का निर्णय लिया। हम UK को भारत के National Hydrogen Mission में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।
- आज हमारे बीच Global Innovation Partnership के implementation arrangements का समापन एक बहुत महत्त्वपूर्ण पहल साबित होगी। ये अन्य देशों के साथ हमारी विकास साझेदारी को और मजबूती प्रदान करेगा।
- इसके तहत तीसरे देशों में “Made in India” innovations के transfer और scaling-up के लिए भारत और UK 100 मिलियन डॉलर तक co-finance करेंगे।
- हमने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हो रहे अनेक developments पर भी चर्चा की। एक free, open, inclusive and rules-based order पर आधारित Indo-Pacific क्षेत्र बनाए रखने पर हमने जोर दिया। Indo-Pacific Oceans Initiative से जुड़ने के UK के निर्णय का भारत स्वागत करता है।
- हमने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर बल दिया। हमने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान का महत्त्व भी दोहराया।
- हमने एक peaceful, stable और secure Afghanistan और एक inclusive और representative Government के लिए अपना समर्थन दोहराया। यह आवश्यक है कि अफगान भूमि का प्रयोग अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिये।