न्यूज डेस्क (एकता सहगल): ब्रह्माकुमारीज़ (Brahma Kumaris’) की मुख्य प्रशासक दादी हृदय मोहिनी का बीते गुरूवार मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वो 93 साल की थी। उनका पिछले 15 दिनों से मुंबई के सैफी अस्पताल में इलाज चल रहा था। गौरतलब है कि दादी हृदय मोहिनी से पहले दादी मोहिनी और उनसे पहले ब्रह्माकुमारीज़ की पूर्व प्रमुख दादी जानकी ने ब्रह्माकुमारीज़ के प्रशासक प्रमुख के पद पर काम किया था।
दादी हृदय मोहिनी के पार्थिव शरीर को राजस्थान के आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्यालय में लाया जायेगा। जहां उनका वैदिक विधि-विधान से अंतिम संस्कार 13 मार्च को किया जाएगा। ब्रह्माकुमारीज़ की आधिकारिक वेबसाइट में कहा गया कि, दादी हृदय मोहिनी का जीवन ईश्वरीय संतान होने के आनंद से सराबोर था। वो 8 साल की उम्र में यज्ञ (संस्था) में शामिल हुई, इसकी शुरुआत (1936) में दादा लेखराज द्वारा स्थापित ‘ओम निवास’ बोर्डिंग स्कूल के माध्यम से हुई, जो कि बच्चों के लिए बनाया गया था, उन्हें बेहद कम उम्र से ही दादा लेखराज (ब्रह्म बाबा) से शिव बाबा और वेदों के ज्ञान के बारे में परालौकिक ज्ञान (Transcendental knowledge) प्राप्त हुआ।
1940 के दशक में उन्होंने ध्यानावस्था के दौरान ‘सतयुग’ (हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित सत्य और ईमानदारी का आलौकिक युग) के दर्शन किये। वो उन चुनिंदा बच्चों में से एक थीं, जिन्होनें काफी सच्चाई और ईमानदारी के साथ अपने आध्यात्मिक अनुभव को अपने आसपास के सभी लोगों के साथ साझा किया। दादी हृदय मोहिनी ने अपने जागृत आध्यात्मिक जीवन के दौरान ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका, संयुक्त राज्य अमेरिका ब्राजील, मैक्सिको, कनाडा, यूके, जर्मनी और फ्रांस में यात्रायें की। साथ ही इन मुल्कों में उन्होनें अध्यात्म, दर्शन, राजयोग और आर्ट ऑफ लिविंग पर व्याख्यान (Lecture) दिये।
ब्रह्माकुमारीज़ में जो कोई भी उनके आत्मिक सम्पर्क में आया उन्होनें उन सभी को ध्यान की कला सिखायी। जो कि इंसानी वज़ूद को आत्मा के रूप में पहचानने पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होनें मानव की बाहरी पहचान जाति, राष्ट्रीयता और धर्म को हमेशा दरकिनार कर आध्यात्मिक ज्ञान की गंगा बहाकर सभी को अभिभूत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दादी हृदय मोहिनी के निधन पर शोक व्यक्त किया और ट्विट कर लिखा कि मानव पीड़ा को दूर करने और आगे के सामाजिक सशक्तिकरण के प्रयासों के लिए राजयोगिनी दादी हृदय मोहिनी जी को उनके कई प्रयासों के लिए याद किया जायेगा। उन्होंने वैश्विक स्तर पर ब्रह्मकुमारीज़ परिवार के सकारात्मक संदेश का प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके निधन सूचना दुखदायी है। ओम शांति बताया जा रहा है कि जनता अंतिम प्रार्थना के साथ ” राजयोगिनी ” के प्रति अपनी संवेदनायें माउंट आबू मुख्यालय में कर सकेगी।