एजेंसियां/न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): अगले महीने ब्रिटेन (Britain) के नर्स यूनियन के 106 साल के इतिहास में पहली बार पूरे ब्रिटेन में हजारों नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर जायेगें। मामले पर रॉयल कॉलेज ऑफ नर्सिंग यूनियन (Royal College of Nursing Union) ने कहा कि इंग्लैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड (Wales And Northern Ireland) में कर्मचारी 15 और 20 दिसंबर को हड़ताल पर जायेगें। स्कॉटलैंड (Scotland) के नर्सिंग कर्मचारी कथित तौर पर इसमें हिस्सा नहीं लेंगे।
रॉयटर्स के मुताबिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS- National Health Service) की नर्सों का वाकआउट, सरकार की ओर से मंहगाई पर 5 प्रतिशत की वेतन वृद्धि से जुड़ी मांगों को मनवाने के लिये सिलसिलेवार तरीके से हड़ताल कर सकते है। इस मामले पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत के प्रस्ताव खारिज होने के बाद नर्सिंग यूनियन ये कदम उठाने जा रही है।
मामले पर रॉयल कॉलेज ऑफ नर्सिंग के महासचिव पैट कुलेन (Pat Cullen) ने कहा कि, “नर्सिंग स्टाफ से काफी काम लिया जा रहा है, जिसके एवज़ दिया गया वेतन काफी कम है। ऐसे में हम मरीजों को वो देखभाल देने में सक्षम नहीं है जिसके वो असल हकदार हैं।”
बता दे कि ये ब्रिटेन में सबसे हालिया हड़ताल होगी। इस साल कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों-वकीलों से लेकर हवाईअड्डों पर तैनात ग्राउंड क्रू तक ने भी ऐसे विरोध प्रदर्शन किये है। यूके में कई क्षेत्रों में काम कर रहे है श्रमिक मंहगाई और रहने की लागत में हुए इज़ाफे के बीच तनख्वाह बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। नर्सों की ये हड़ताल रेलकर्मियों की ओर से दो दिवसीय हड़ताल और क्रिसमस से पहले डाक कर्मचारियों की ओर से काम रोके जाने के बीच आयी है।
मामले पर ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री स्टीव बार्कले (Health Minister Steve Barclay) ने हड़तालों पर चिंता ज़ाहिर की और नर्सों की कड़ी मेहनत और समर्पण के लिये अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस रूकावट को दूर करने और आपातकालीन सेवाओं को बनाये रखने की गारंटी देने के लिये एनएचएस लगातार कोशिश कर रहा है।
सरकार के मुताबिक स्वतंत्र वेतन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गयी है और इस साल लगभग दस लाख NHS कर्मचारियों को कम से कम £1,400 ($1,590) मुहैया करवाया जायेगा। आरसीएन की मांगों का सीधा मतलब है कि मौजूदा आंकड़ों पर 19.2 फीसदी वेतन वृद्धि यानि कि हर साल £ 10 बिलियन की लागत।
सितंबर में एनएचएस ने कहा कि नर्सें अपने बच्चों को कपड़े पहनाने और खिलाने के लिये एक वक्त का खाना छोड़ रही थीं और बढ़ती परिवहन लागतों का भुगतान करने के लिये वो संघर्ष कर रही थीं। बढ़ती ऊर्जा और खाद्य कीमतों के कारण ब्रिटिश मुद्रास्फीति (British Inflation) लगातार बढ़ रही है और ये अक्टूबर में 41 साल के उच्च स्तर 11.1 प्रतिशत पर पहुंच गयी।