Bucha Massacre: भारत ने बुचा नरसंहार की खुली जांच की मांग की, विदेशमंत्री ने कहा हम शांति के पक्षधर

न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज (6 अप्रैल 2022) यूक्रेन के बुचा में हत्याओं (Bucha Massacre) की निंदा की और स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन किया। संसद के निचले सदन में रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रुख का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, “कई सांसदों ने बुचा में हत्याओं की घटना को उठाया और मैं कहना चाहता हूं कि हम रिपोर्टों से बहुत परेशान हैं। हम कड़ी निंदा करते हैं हत्यायें जो वहां हुई हैं। ये अत्यंत गंभीर मामला है और हम स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करते हैं।

बता दे कि कई अन्तर्राष्ट्रीय रिपोर्टों में कहा गया है कि यूक्रेन के बुचा में 300 से ज़्यादा लोग मारे गये और हताहतों की कुल तादाद बढ़ने की संभावना है क्योंकि पूरे शहर की जाँच की जा रही है। सैकड़ों नागरिक निवासियों को सड़कों पर, उनके घरों के पास और सामूहिक कब्रों (Mass Graves) में मरा पाया गया। यूक्रेन ने रूस पर बुचा नरसंहार का आरोप लगाया। हालांकि रूस ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि ये यूक्रेन का दुष्प्रचार है। कीव ने बुचा हत्याओं ने रूस की आलोचना करते हुए पश्चिम से मास्को (Moscow) के खिलाफ और प्रतिबंधों की मांग की।

विदेश मंत्री एस.जयशंकर (External Affairs Minister S. Jaishankar) ने दोहराया कि भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष के सख्त खिलाफ है और लोकसभा में सुझाव दिया कि इस मुद्दे को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जा सकता है।

जयशंकर ने कहा कि- “भारत यूक्रेन (Ukraine) में किसकी वकालत कर रहा है? सबसे पहले और सबसे अहम हम इस जंग के खिलाफ हैं। हम मानते हैं कि खून बहाकर और निर्दोष की जान कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। इस दौर में संवाद और कूटनीति किसी भी विवाद का सही जवाब है” उन्होंने दोनों देशों से राज्यों के अंतर्राष्ट्रीय कानून, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आग्रह किया। इस मुद्दे पर उन्होनें कहा कि- ये ध्यान में रखना चाहिये कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर (UN Charter) पर, अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान पर और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता (Sovereignty and Territorial Integrity of States) की बुनियाद पर बनायी गयी है। अगर भारत ने एक पक्ष चुना है तो ये शांति का पक्ष है। हम चाहते है कि हिंसा का खात्मा जल्द से जल्द होना चाहिये।

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