लखनऊ (भाषा)| समाजवादी पार्टी (Samajwadi Partu) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शनिवार को लोकसभा (Loksabha) में पेश बजट (Budget) को जनता का भरोसा तोड़ने वाला और निराशाजनक करार दिया है। अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा कि यह दिवालिया सरकार का इस दशक का दिवालिया बजट है। इस बजट के बाद लोगों की जिंदगी पर संकट के और बादल छा जाएंगे। भाजपा (BJP) सरकार चाहे जो कहे लेकिन उसके दावों के जमीन पर गिरकर ध्वस्त होने में अब ज्यादा समय नहीं लगने वाला।
उन्होंने कहा कि बैंक डूब चुके हैं। रोजगार नहीं है। किसानों को कुछ नहीं मिला है। गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) का बकाया है। गरीब की जिन्दगी में कोई बदलाव नहीं आने वाला। कई निवेशकों (Investors) के वादों के बावजूद निवेश नहीं आया है। सरकार के खजाने में पैसा नहीं है। एलआईसी (LIC) और एअर इण्डिया (Air India) को बेचना पड़ रहा है। जब सामान्य आदमी की आमदनी ही नहीं है तो आयकर में राहत किस काम की?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय बजट में गिरती अर्थव्यवस्था (Econonmy) को सम्हालने और रोटी-रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में कोई सोच नहीं दिखती है। इससे जनता का भरोसा टूटा है। मंहगाई पर नियंत्रण की कोई ठोस योजना नहीं है। किसानों की आय दोगुनी करना तो दूर, उन्हें अपनी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तक नहीं मिल रहा है।
अखिलेश ने कहा कि बजट में गांवों, किसानों और श्रमिकों के साथ धोखा किया गया है। भाजपा सरकार को देश की 70 प्रतिशत आबादी की कोई चिंता नहीं है। बेरोजगारों के हाथ फिर निराशा लगी है। कॉरपोरेट संस्कृति से सराबोर भाजपा से और क्या उम्मीद की जा सकती है? भाजपा नेतृत्व को न तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था का पता है और न ही वह गांव-खेती की समस्याओं से अवगत है।