न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election Results) के नतीज़े लंबी जद्दोजहद के बाद सामने आ ही गये। एक बार फिर मोदी मैजिक (Modi magic) ने एनडीए के खाते में बिहार जैसा सूबा ला दिया है। जिसके बाद दैनिक भास्कर का एग्जिट पोल छोड़कर सभी एग्जिट पोल के परिणामों से जुड़े कयास भी धूल चाटते दिखे। वोटों के गिनती के दौरान काफी दिलचस्प तस्वीरें भी निकलकर सामने आयी। वोटिंग काउटिंग (Voting counting) के दौरान 4 बार चुनाव आयोग को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी। इस बीच राजद ने इल्ज़ाम लगाया कि 119 विधानसभा सीटों पर उनके प्रत्याशी जीते है, लेकिन चुनाव आयोग के अधिकारी उन्हें जीत का प्रमाण पत्र नहीं दे रहे है।
क्रम संख्या | पार्टी/गठबंधन | जीती हुई सीटें |
1. | एनडीए | 125 (भाजपा 74+जेडीयू 43+ वीआईपी 4+हम4) |
2. | महागठबंधन | 110 (आरजेडी 75+कांग्रेस 19+ सीपीआईएमएल12+सीपीएम 2+ सीपीआई2 ) |
3. | एलजेपी | 1 |
4. | अन्य | 7 (एआईएमआईएम5+ बसपा1+ निर्दलीय1) |
आखिरी परिणामों की दिलचस्प और उल्टफेर करने वाली तस्वीर एआईएमआईएम ने 5 सीटें जीतकर बनायी। कहीं ना कहीं औवेसी की पार्टी ने महागठबंधन खासतौर से कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगायी। एआईएमआईएम के इस राजनीतिक प्रयोग ने उन्हें कामयाबी भी दिलाई 5 सीटें का आंकड़ा AIMIM की सूबे में राजनीतिक धमक दिखाता है। वहीं दूसरी ओर चिराग पासवान ने खुद पर किये आत्मघाती राजनीतिक प्रयोग (Suicide political experiment) का नतीजा देख लिया। एलजेपी के खाते में महज़ एक सीट आयी। कहीं ना कहीं भीतरखाने अब लोक जनशक्ति पार्टी को राजनीतिक अज्ञातवास का डर जरूर सता रहा होगा। चिराग पासवान ने जिस तरह से चुनावों से पहले राजनीतिक कवायदों के अन्ज़ाम दिया था, उसे देखते हुए सूबे के राजनीतिक जानकारों ने उन्हें अपरिपक्व राजनेता (Immature politician) करार दे दिया था। जिसका नतीज़ा अब 1 सीट पर आकर थम गया।
इन नतीज़ो के साथ ही बिहार की जनता ने एक बार फिर से नीतीश कुमार को राज्य की बागडोर सौंप दी है। चुनावी प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की रणनीतिक प्रचार शैली और भाषणों ने कहीं ना कहीं एनडीए का पक्ष में मजबूत धारणा तैयार की। कयास लगाये जा रहे है कि पीएम मोदी ने अपने चुनावी रैलियों के दौरान बिहार में जंगलराज का जिक्र किया था। जिसने लोगों की धारणा बदलने का जादुई काम किया। जिसका नतीज़ा अब सामने आ चुका है। यहां मिले से हौंसलो और उम्मीदों के बाद अब एनडीए गाल चुनावों में दुगुने जोश के साथ उतरेगां।