न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): साल 2019 के बाद से अपने सबसे बड़े कैबिनेट फेरबदल (Cabinet Expansion) में प्रधान मंत्री नरेंद्र ने अपनी टीम में कुछ नये चेहरों को शामिल किया है। शपथ लेने वाले कुछ मंत्रियों ने हार्वर्ड, व्हार्टन और स्टैनफोर्ड जैसे विदेशी विश्वविद्यालयों पढ़ाई की है।
नये मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने वाले नये चेहरों में ओडिशा से भाजपा के राज्यसभा सांसद अश्विनी वैष्णव हैं, जो 55 वर्षीय पीयूष गोयल की जगह नये रेल मंत्री होंगे। इसके साथ ही उनके हाथ में संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भी कमान होगी। इस बीच मंत्रिमंडल से रविशंकर प्रसाद को निकाला जाना काफी अचरच भरा फैसला रहा।
50 वर्षीय अश्विनी वैष्णव ने व्हार्टन स्कूल पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय (Wharton School University of Pennsylvania) से एमबीए और आईआईटी कानपुर से एम टेक किया है। ओडिशा से सांसद अश्विनी वैष्णव 1994 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने 15 सालों से ज़्यादा समय तक कई अहम जिम्मेदारियों को संभाला है।
वैष्णव ने ओडिशा के बालासोर और कटक जिलों में कलेक्टर के तौर पर में काम किया। उन्हें बुनियादी ढांचे में पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) मॉडल की संभावनाओं को तलाशने के लिये खासतौर से जाना जाता है। इसके साथ ही उन्होनें जनरल इलेक्ट्रिक और सीमेंस (General Electric and Siemens) जैसी प्रमुख ग्लोबल कंपनियों में भी अहम पदों पर काम किया
अश्विनी वैष्णव के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्हें बुनियादी ढांचे के विकास में काम करने का 17 सालों का तर्जुबा है। उन्होंने 5 एमटीपीए कोयला आयात टर्मिनल विकसित किया, कंटेनर व्यवसाय का निजीकरण किया, क्रूज टर्मिनल विकसित किया, तीन मूरिंग डॉल्फ़िन और गोवा पोर्ट पर ईआरपी लागू किया।
उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा राष्ट्रपति के रजत पदक प्रशस्ति (Silver Medal Commendation) से सम्मानित किया गया। जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब अश्विनी वैष्णव ने पीएमओ में भी काम किया था। अश्विनी वैष्णव ने साल 2003 तक ओडिशा में काम किया, जब उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी के कार्यालय में उपसचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।