न्यूज़ डेस्क (मिताली): कैडबरी (Cadbury) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (CIL) जो की एक जानी–मानी कंपनी है (जिसे वर्तमान समय में मोंडेलेज फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता है) उसके खिलाफ CBI ने केस दर्ज किया है। ख़बरों के मुताबिक कैडबरी के हिमाचल प्रदेश के बद्दी में धोखेधड़ी से क्षेत्र-आधरित टैक्स फायदा उठाने के लिए उल्लेखित भ्रष्टता और तथ्यों को असत्य तरीके से प्रस्तुत करने के लिए बुक किया गया है।
FIR दर्ज होने के बाद, सीबीआई ने सोलन, बद्दी, मोहाली, पिंजौर और मुंबई में 10 स्थानों पर तहकीकात की और मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है।
गौरतलब है कि एफआईआर, एजेंसी द्वारा पंजीकृत शुरूआती जांच का एक परिणाम है, जिसमें देखा गया है कि कंपनी ने “बद्दी, हिमाचल प्रदेश में क्षेत्र-आधारित टैक्स छूट लाभों का फायदा उठाने के लिए उल्लेखनिय रूप से घूस, गलत तथ्यों और गलत रिकॉर्ड का इस्तेमाल किया है”।
सीबीआई के अनुसार कंपनी के कार्यकारी बोर्ड के कुछ मेम्बर्स, प्रमुख प्रबंधकों के साथ, सामूहिक रूप से रिकॉर्ड में हेरफेर करने, बिचौलियों को घूस देने और आंतरिक जांच पड़ताल के दौरान सामने आए सभी सबूतों को छुपाने का काम किया है। साथ ही कंपनी के अलावा, एजेंसी ने कुल 12 लोगों को बुक किया है, जिसके अंतर्गत दो तत्कालीन केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारी, तत्कालीन कैडबरी इंडिया लिमिटेड कंपनी (CIL) के उपाध्यक्ष विक्रम अरोड़ा और इसके निदेशक राजेश गर्ग और जेलर फिलिप्स आदि भी शामिल हैं।
सीआईएल ने सैंडहोली गाँव में माल्ट-आधारित भोजन Bournvita के निर्माण के लिए एक विनिर्माण इकाई स्थापित की थी। जिसके बाद यूनिट ने 19 मई 2005 से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया।
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया है कि कंपनी के बड़े अधिकारियों ने निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर साजिश रची और टैक्स का फायदा बड़ी मात्रा में प्राप्त करने के लिए एक अलग कंपनी के रूप में दूसरी इकाई स्थापित करने का आवेदन किया जिसके लिए इन बिचौलियों को पैसा भी दिया गया।
सीबीआई ने आगे कहा कि उल्लेखनीय घूस और कमीशन के लिए किए गए अलग-अलग भुगतानों का विवरण पाया गया है। वहीं दूसरी ओर एजेंसी ने आरोप लगाया है कि DGCEI ने भी इस मामले की जांच पड़ताल की और कंपनी पर 241 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।