नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): कोविड-19 हालातों की अनिश्चितता के बावजूद सीबीएसई (CBSE Board) इस साल के अंत की अंतिम मूल्यांकन प्रणाली के साथ आगे बढ़ा। महामारी की दूसरी लहर ने बोर्ड को सही तरीके से परीक्षायें आयोजित करवाने से रोका। सीबीएसई अभी भी व्यावहारिक परीक्षाओं, आंतरिक मूल्यांकन और पहले आयोजित परीक्षाओं के आधार पर छात्रों के लिये बोर्ड के आखिरी नतीज़ों का ऐलान करेगा। बोर्ड अगले शैक्षणिक सत्र के लिये गतिशील मूल्यांकन योजना तैयार करने की तैयारी में है।
इस साल बोर्ड परीक्षा आयोजित करने में आने वाली कठिनाइयों ने परीक्षाओं के लिये वैकल्पिक तरीकों को खोजने पर जोर दिया। सीखने के उद्देश्यों के साथ-साथ शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा।
CBSE Board की द्विवार्षिक परीक्षा का प्रारूप
कक्षा 10 और 12 के दोनों कक्षाओं के छात्रों का शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के लिये दो स्तरीय मूल्यांकन किया जाएगा। सीबीएसई द्वारा परीक्षाओं का एक दौर आयोजित किया जायेगा। प्रत्येक की अवधि निर्धारित समय सीमा के बाद समाप्त हो जायेगी। इसके साथ ही अगले शैक्षणिक वर्ष के लिये भी पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत (Rational) बनाया जायेगा जैसा कि इस साल किया गया था।
इसके अलावा इसे टर्म I और टर्म II में बांटा जायेगा। टर्म I परीक्षा की परीक्षा नवंबर-दिसंबर 2021 के लिये निर्धारित है। ये 90-मिनट के बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) आधारित परीक्षायें होंगी। टर्म I परीक्षा पाठ्यक्रम के केवल पहले भाग को कवर करेगी। इनका संचालन स्कूलों द्वारा किया जायेगा। साथ ही बाहरी परीक्षकों और पर्यवेक्षकों (External Examiners And Supervisors) द्वारा पर्यवेक्षण किया जायेगा। सीबीएसई परीक्षा परिणाम का आकलन करने और परिणाम वापस भेजने के लिये स्कूलों को प्रश्न पत्र भेजने के साथ-साथ योजनाओं को भी चिह्नित करेगा।
मार्च-अप्रैल 2022 के लिए नियोजित टर्म II परीक्षा परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जायेगी। मौजूदा हालातों में सीबीएसई का मकसद टर्म II परीक्षाओं को दो घंटे के प्रश्न पत्रों का स्टैंर्डंड फॉर्मेंट (Standard Format) तैयार करना रहेगा। हालांकि ये टर्म I के समान प्रारूप का विकल्प चुनेगा अगर हालात सामान्य वर्णनात्मक परीक्षाओं के लिये अनुकूल नहीं हुए तो।
इस तरह से CBSE Board सुनिश्चित करेगा निष्पक्ष मूल्यांकन
अगर हालात पूरे साल अनुकूल रहते है तो शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिये कक्षा 10 और 12 के छात्रों का मूल्यांकन दोनों सत्रांत परीक्षाओं के आधार पर किया जायेगा लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो सीबीएसई चार अलग-अलग मूल्यांकन योजनाओं के फॉर्मेंट को लागू करेगा। जो कि मौजूदा हालातों में परीक्षायें आयोजित करने का आधार बनी है।
1) थ्योरी एक्ज़ाम के मार्क्स अंक दोनों परीक्षाओं के परिणामों के बीच समान रूप से वितरित किए जाएंगे अगर विद्यार्थी एक्ज़ामिनेशन सेन्टर पर पेश होकर परीक्षा देते है तो।
2) टर्म I परीक्षा का वेटेज अंतिम स्कोर के लिये कम किया जायेगा और टर्म II परीक्षा का वेटेज बढ़ाया जायेगा। अगर टर्म I परीक्षा के वक़्त कोविड-19 के हालातों के कारण स्कूलों बंद होते है और छात्रों को घर पर परीक्षा देनी। ऑनलाइन या ऑफलाइन और परीक्षा केंद्रों पर होने वाली टर्म II परीक्षा के लिये हालात अनुकूल नहीं बन पाते हो तो इस तरीके को लागू किया जायेगा।
3) दूसरी ओर अगर टर्म I परीक्षा के दौरान स्थिति अनुकूल रहती है लेकिन सीबीएसई केंद्रों पर टर्म II परीक्षा आयोजित करने में असमर्थ है तो नतीज़े टर्म I एमसीक्यू आधारित परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन पर छात्रों के प्रदर्शन देखते हुए नतीज़े घोषित किये जायेगें। टर्म I परीक्षा के अंकों का वेटेज साल के आखिर में परिणाम प्रदान करने के लिये बढ़ाया जायेगा।
4) अगर सीबीएसई संबंधित स्कूलों या केंद्र दोनों परीक्षाओं में से कोई भी परीक्षा आयोजित करने में असमर्थ है तो अंतिम परिणाम की गणना आंतरिक मूल्यांकन और व्यावहारिक परीक्षा (Internal Assessment and Practical Examination) के आधार पर की जायेगी। घर से ली गयी टर्म I और II थ्योरी परीक्षा में छात्रों द्वारा हासिल अंक मूल्यांकन की वैधता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए मॉडरेशन या अन्य उपायों का उपयोग किया जायेगा।
सत्र 2021-22 की मूल्यांकन योजना का उद्देश्य सीमित परीक्षा विकल्पों के साथ छात्रों को सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण देने योग्य बनाना है। बोर्ड का लगातार परिणामों का आकलन करने के दूसरे रास्तों पर भी गौर कर रहा है अगर कोविड-19 के हालात जस के तस बने रहते है और महामारी के लहरें लगातार आती है तो।