न्यूज डेस्क (देवव्रत उपाध्याय): गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (BSF- Border Security Force) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के प्रमुखों को सीमावर्ती इलाकों में सतर्क रहने के लिये कहा है क्योंकि ऐसी संभावना है कि वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह संधू (Amritpal Singh Sandhu) सीमा पार कर सकता हैं। माना जा रहा है कि वो पंजाब में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर या भारत-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) के जरिये देश छोड़कर भाग सकता है।
अमृतपाल की पगड़ी वाली और बिना पगड़ी वाली दो तस्वीरों के साथ बीएसएफ और एसएसबी की सभी इकाइयों को ये संदेश भेजा गया है कि “ये पुख्ता तौर पर पता चला है कि खालिस्तान समर्थक (Pro Khalistan) और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया है। ऐसी संभावना है कि वो पंजाब के रास्ते या फिर भारत-नेपाल से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर सकता है।”
इस संदेश के साथ दोनों अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों के सतर्क रहने और सीमा चौकियों पर तैनात सभी कर्मियों को जागरूक करने के लिये कहा गया है।
बता दे कि पंजाब पुलिस ने बीते शनिवार (18 मार्च 2023) को जालंधर-मोगा (Jalandhar-Moga) रोड स्थित महतपुर में अमृतपाल को गिरफ्तार करने की योजना बनायी थी। हालांकि वो उनसे भी बच गया और सूत्रों ने कहा कि उसने अपना वाहन और मोबाइल फोन नकोदर के पास छोड़ दिया। राज्यव्यापी कार्रवाई में पुलिस ने शनिवार को उसके 78 साथियों को गिरफ्तार किया। अमृतपाल की तलाश दूसरे दिन भी जारी रही और जिला पुलिस प्रमुखों ने पंजाब के बड़े शहरों में फ्लैग मार्च किया और राज्य सरकार ने आज (20 मार्च 2023) दोपहर तक सूबे में इंटरनेट पर रोक लगा दी।
पंजाब पुलिस ने बीते रविवार (20 मार्च 2023) को अमृतपाल और उसके सात साथियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट (Arms Act) के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस को अमृतपाल के सहयोगियों के पास 12 बोर की छह राइफलें और 196 कारतूस बरामद हुए थे। मामले पर अमृतसर (ग्रामीण) के एसएसपी सतिंदर सिंह (SSP Satinder Singh) ने कहा कि अमृतपाल के एक सहयोगी के पास से 100 से ज्यादा अवैध कारतूस बरामद किये गये हैं। बाद में उनकी टीम ने गिरफ्तार किये गये सात लोगों को 23 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
मामले पर खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने कहा कि अमृतपाल 2012 में अपने पारिवारिक परिवहन व्यवसाय में ट्रक चालक के तौर पर काम करने के लिये दुबई गया था। उसी वक्त वो जसवंत सिंह रोडे, पाकिस्तान स्थित अभियुक्त खालिस्तानी ऑपरेटिव लखबीर सिंह रोडे (Khalistani operative Lakhbir Singh Rode) के भाई और आतंकवादी परमजीत सिंह पम्मा के संपर्क में आया। ऐसा शक है कि उन्होंने उसे पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI- Inter-Services Intelligence) के जरिये उसे पंजाब में खालिस्तान आंदोलन में दुबारा जान फूंकने के लिये तैयार किया। जिसके लिये ISI ने उसे पैसा, प्रोपेगेंडा मशीनरी, हथियार और संसाधन उपलब्ध करवाये।