न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): केंद्र सरकार ने बीते शनिवार (25 सितंबर 2021) उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक मेडिकल डिवाइस पार्क (Medical Device Park) की स्थापना के लिये जरूरी मंजूरी दे दी। जिसके बाद अब सेक्टर 28 में जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास मेडिकल डिवाइस पार्क बन सकेगा।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority–YEIDA) के मुताबिक मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना से स्वास्थ्य क्षेत्र में कई रोजगार पैदा होगें साथ ही इलाके में बड़े पैमाने पर व्यापार और निवेश के बड़े अवसर भी पनपेगें।
हाल ही में भारत सरकार के अवर सचिव अरविंद कुमार (Under Secretary Arvind Kumar) ने बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक कुमार को खत लिखा। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को 23 दिसंबर 2021 तक केंद्र सरकार के सामने एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के प्रशासनिक निर्देश दिये गये।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अरविंद कुमार द्वारा लिखे गये खत में कहा गया है कि, "भारत सरकार 'मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी (in-principle approval) देती हैं। जिसके बाद योजना दिशानिर्देशों के अनुसार यमुना एक्सप्रेसवे पर 350 एकड़ भूमि पर एक मेडिकल डिवाइस पार्क बन सकेगा।"
पत्र में आगे कहा गया है कि केंद्र सरकार की संचालन समिति ने फैसला किया कि इस साल 23 दिसंबर के आसपास 90 दिनों में यूपी सरकार के संबंधित अधिकारियों को डीपीआर जमा करवाना जरूरी होगा। यीडा के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा मिली सैद्धांतिक मंजूरी का मतलब है कि प्रोजेक्ट को फंडिंग और अन्य लाभों में करीब 1,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम मिलेगी।
यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह (Arun Veer Singh, CEO of Yeida) ने भी कहा कि, “ये एक बड़ी उपलब्धि है कि हमें मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना के लिये केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गयी है। उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा मेडिकल डिवाइस पार्क होगा और डीपीआर पर काम पहले से ही चल रहा है। इसे निर्धारित समय के भीतर जमा करेंगे। हम दशहरे के आसपास प्लॉट और शेड योजना शुरू करने की प्लानिंग बना रहे हैं।
मेडिकल डिवाइस और इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग/प्रोडक्शन करने के लिये लगभग 350 एकड़ भूमि आवंटित की गयी है, जिसके बाद यीडा ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा। प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र सरकार और निजी संस्थाओं द्वारा इस परियोजना में लगभग 5,250 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा।