न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): आज कांग्रेस पार्टी ने अपने सबसे कद्दावर नेता अहमद पटेल (Ahmed Patel) को खो दिया। वो बीते कई दिनों से कोरोना संक्रमण की चपेट में थे। उनकी अचूक सियासी रणनीतियों की वज़ह से उन्हें कांग्रेस का चाणक्य भी कहा जाता था। कई कठिन मौकों पर अहमद चपेट ने अपनी सूझबूझ से कांग्रेस को संकटों से निकाला। अवसरों को भांपते हुए, वो सियासी समीकरण बनाने में माहिर थे। वर्तमान में वे गुजरात से राज्यसभा सांसद थे। बीते 1 अक्टूबर को वे कोरोना इंफेक्शन की चपेट में आ गये। जिसके बाद उन्हें 15 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में गहन चिकित्सा के लिए ले जाया गया।
उनके निधन की पुष्टि खुद उनके बेटे फैजल ने ट्वीट कर दी। और लिखा कि- बहुत दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि, मेरे वालिद साहब बुधवार देर रात 3.30 बजे इसे दुनिया से रूखसत हो चुके है। उनके शरीर के कई अहम अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। ट्विट के माध्यम से फैजल ने सभी लोगों से कोरोना गाइडलाइंस और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की दरख्वास्त की।
अहमद पटेल के निधन का समाचार पाते ही कांग्रेसी खेमे में शोक की लहर देखी गयी। राहुल गांधी ने इस मौके पर ट्विटर कर शोक जाहिर किया और लिखा कि- आज बेहद दुखद दिन है। अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी को मजबूत स्तम्भों में से एक थे। ताउम्र और खासतौर से मुश्किल हालातों में वे पार्टी के साथ काफी मजबूती से खड़े रहे। वो हमारी बड़ी पूंजी थे। उनकी कमी खलेगी। मेरी शोक संवेदनायें फैजल, मुमताज़ और पूरे परिवार के साथ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्विटकर अपनी शोक संवेदनायें (Condolences) प्रकट की और लिखा कि- अहमद पटेल जी के निधन का समाचार सुनकर काफी व्यथित हूँ। समाज की बेहतरी के लिए उन्होनें कई साल सार्वजनिक जीवन जिया। वो अपने तेज तर्रार दिमाग की मदद से कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए जाने जायेगें। उनके बेटे फैजल से बात कर मैनें अपनी शोक संवेदनायें जाहिर की। उनकी आत्मा को शांति मिले।
कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैण्डल पर सोनिया गांधी ने एक नोट जारी करके अपनी शोक संवेदनायें अहमद पटेल के प्रति प्रकट की। उन्होनें लिखा कि- उनके निधन के साथ मैनें एक विश्वसनीय सहयोगी को खो दिया। जिन्होनें अपनी पूरी ज़िन्दगी पार्टी के नाम समर्पित कर दी। कर्तव्यों के लेकर वो हमेशा ही प्रतिबद्धता दिखे। साथ ही वो हमेशा मदद करने के लिए तैयार रहते थे। उनकी उदारता उन्हें दूसरे लोगों से अलग करती थी। मैंने ऐसा कॉमरेड (Comarade) खो दिया जिसकी जगह कोई नहीं ले सकता। मेरा वफादार सहयोगी और दोस्त दुनिया को अलविदा कह गया। मैं उनके शोकाकुल परिवार के लिए हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।
गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में पैदा हुए अहमद पटेल ने अपने जीवनकाल में लंबी सियासी पारी खेली। इस दौरान वो तीन बार लोकसभा सांसद और पांच बार राज्यसभा सदस्य बने। साल 1977 में इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस वो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और जीते भी। साल 2001 से वो सोनिया गांधी के सलाहकार की भूमिका में थे। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कोई फैसला करने से पहले उनके रायशुमारी जरूर करता था। कैबिनेट में ना रहकर वो संगठन में काम करने को ज़्यादा महत्त्तव देते थे।