न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): चंडीगढ़ (Chandigarh) में किसान संघों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लागू करने को लेकर पंजाब सरकार (Punjab Government) के खिलाफ अपने तयशुदा प्रदर्शन को छोड़ने का फैसला किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) ने गन्ना किसानों के लंबित भुगतानों को मंजूरी देने समेत किसान संगठनों की ज़्यादातर मांगों को कबूल कर लिया है। मामले पर मान ने कहा कि, ‘गन्नों का बकाया समेत सभी मांगों को राज्य सरकार 7 सितंबर तक पूरा कर देगी।’
गन्ना किसानों की मांग पर सीएम भगवंत मान ने आगे कहा कि- “सरकार ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान हुए किसान आंदोलन (Farmers Movement) और पराली जलाने के लिये किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिवारों को पांच अगस्त तक पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा।
भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) ने मामले पर कहा कि- “हमारी ज़्यादातर (किसानों) मांगों को मंजूर कर लिया गया है। हमने अपना धरना अस्थाई तौर पर स्थगित कर दिया है। हमें आश्वासन दिया गया है कि 7 सितंबर तक बकाया राशि का भुगतान कर दिया जायेगा। हमारी अगली बैठक 7 सितंबर को होगी।’
संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के राष्ट्रव्यापी विरोध के तहत बीते रविवार (31 जुलाई 2022) को किसानों ने पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) में कई जगहों पर रेल पटरियों पर बैठ कर सड़कों को जाम कर दिया और आरोप लगाया कि सरकार ने जीएसटी (GST) पर अपना वादा पूरा नहीं किया, जो उसने पिछले साल विरोध वापस लेने पर किया था।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू)-कादियान के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियान (Harmeet Singh Kadian) ने फिल्लौर रेलवे स्टेशन (Phillaur Railway Station) पर धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेते हुए कहा कि किसान यूनियनों के तहत संस्थायें संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर किसान धरना दे रहे हैं। बता दे कि मौके पर मौजूद किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें रेल की पटरियों पर बैठने के लिये मजबूर किया गया क्योंकि केंद्र सरकार (Central government) उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रहा है।