न्यूज़ डेस्क (अंजनी कुमार गोस्वामी): आने वाली पाँच जुलाई को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। पश्चिमी दुनिया में इस ग्रहण को लोग ‘ब्लड मून एक्लिप्स’ (‘Blood moon eclipse’) के नाम से जानते है। ये साल का तीसरा चंद्र ग्रहण है। भारत में ये ग्रहण 5 जुलाई की सुबह 8:30 से 11:30 बजे के बीच लगेगा। देश में कई जगहों पर ग्रहण की छाया तकरीबन 2 घंटे 45 मिनट तक कायम रहेगी। ज्योतिषीय गणनाओं (Astrological calculations) के मुताबिक ये चंद्रग्रहण 4 महाद्वीपों से दिखाई देगा। लैटिन अमेरिका के सभी देशों के साथ, उत्तरी अमेरिका में मैक्सिको, क्यूबा, कैरिबियन द्वीप, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा इसे देख सकेंगे। अधिकांश अफ्रीकी देश भी इसे देखा जा सकेगा। ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस, जर्मनी, इटली और अन्य जैसे पश्चिमी यूरोपीय देशों में कहीं-कहीं ये आंशिक और पूर्ण रूप से देखा जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक माह में दो या इससे ज़्यादा ग्रहण लगना शुभ नहीं माना जाता है। इस साल कुल 6 ग्रहण लग रहे हैं।
गर्भवती महिलायें बरतें विशेष सावधानी
चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलायें (Pregnant women) विशेष सावधानी का पालन करें। घर को अंदर सुई धागे का काम, कैंची चलाना और सब़्जी काटने से बचे। अपनी बेड या चारपाई के पास कुशा, तुलसी के पत्ते और गंगाजल रखे। घर में बने मंदिरों को कपड़े से ढ़क दे। मधुराष्टक का पाठ करें। घर से सभी सदस्य ग्रहण लगने से पहले ही पूजा-पाठ कर भोजन ग्रहण कर ले। ग्रहण के दौरान भोजन बनाने और करने से बचे। राशन के कंटेनर्स (Ration containers) में तुलसी के पत्ते डाल दे। हालांकि महिलायें घरों में अन्दर रहकर नवजातों को दुग्ध सेवन करा सकती है।
इस राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को धनु राशि (Sagittarius) में लगेगा। इस राशि के जातकों पर चंद्र ग्रहण का अधिक असर देखा जाएगा। ग्रहण के दौरान चंद्रमा पीड़ित हो जाता है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार इस दिन सूर्य मिथुन राशि (Gemini) में होगें और पूर्णिमा तिथि होगी।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल
चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल का प्रभाव नहीं लगेगा। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में सूतक काल को शुभ समयावधि नहीं माना गया है। सूतक काल में किसी भी प्रकार के धार्मिक और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन 5 जुलाई को लगने जा रहे चंद्र ग्रहण में सूतक काल का प्रभाव शून्य रहेगा, क्योंकि ये ग्रहण उपछाया ग्रहण (Shadow eclipse) है। इस वज़ह से इस ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है।
धनु राशि वालों को रखना को विशेष ध्यान
इस ग्रहण की समयावधि के दौरान धनु राशि के जातकों को खास ध्यान रखना चाहिए। इस ग्रहण का सबसे ज़्यादा प्रभाव इसी राशि वाले जातकों पर होता है। ग्रहण के असर से जातकों में मानसिक तनाव (Mental Stress), स्वास्थ्य समस्या और मातृ कष्ट की संभावनायें बहुत ज़्यादा रहती है। ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए जातकों को सोमवार का व्रत रखते हुए भगवान शिव की आराधना और रूद्राभिषेक (Rudrabhishek) करना चाहिए।
जुलाई महीने में होगी कई अद्भुत अतंरिक्षीय घटनायें
जुलाई महीने के दौरान कई अद्भुत खगोलीय घटनायें (Amazing astronomical events) देखने को मिलेगीं। 14 जुलाई के दौरान गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक रेखा में होगें। 20 जुलाई को शानि पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होगें। 22 जुलाई के सुबह प्रात: काल पूर्व दिशा में बुधग्रह को साफ देखा जा सकेगा। इस दिन बुधग्रह अपने अंक्षाशीय बिन्दु से 20 डिग्री ऊपर दिखेगा। 28 जुलाई को आकाश में टूटते तारों की बरसात देखी जा सकती है, इस वैज्ञानिक भाषा में डेल्टा एक्यूरिड मेटियोर शॉवर (Delta Acute Meteor Shower) कहा जाता है।