न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिलों के बीते शनिवार (3 अप्रैल) को नक्सलियों के साथ हुई घातक मुठभेड़ (Chhattisgarh Naxals Encounter) के बाद एक दर्जन से ज़्यादा जवान लापता हो गये। छत्तीसगढ़ डीजीपी के मुताबिक डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा के एक दर्जन से ज़्यादा जवान इस वारदात लापता हैं। लापता जवानों की तलाश के लिये खोजी दस्ता जंगल भेजा गया है। आशंका है कि घटना में घायल होने वालों की तादाद बढ़ सकती है। गौरतलब है कि इस दौरान नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में पांच जवान मौके पर ही शहीद हो गये और 30 जवान बुरी तरह जख़्मी।
छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक शनिवार को शहीद हुए दो जवानों के पार्थिव शरीर बरामद किये जा चुके हैं। घायल जवानों में से 23 को बीजापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और 7 जवानों का रायपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। साथ ही ये जानकारी भी निकलकर सामने आ रही है कि मुठभेड़ के दौरान मारी गयी एक महिला माओवादी की लाश मौके से बरामद की गयी है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के पुलिस उपमहानिरीक्षक (नक्सल विरोधी ऑपरेशन) ओपी पाल ने कहा कि सुरक्षा बलों की अलग-अलग ज्वॉइंट टीमों ने बीते शुक्रवार देर रात नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले दक्षिण बस्तर के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ सशस्त्र मुहिम शुरू की थी। इसी क्रम में बीजापुर और सुकमा जिलों नक्सल गुटों पर दबिश देने के लिये एक बड़ा एंटी नक्सल ऑप्रेशन शुरू किया गया था।
ओपी पाल ने आगे कहा कि, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और इसकी एलीट यूनिट कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन), जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के ज़वानों की ज़्वाइंट टीम ने पांच जगहों ताराम, उस्सोर, पामेड (बीजापुर), मिनपा और नरसापुरम (सुकमा) में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया था। शनिवार (3 मार्च 2021) को दोपहर में गिरगिट थाना क्षेत्र (सुकमा) के तहत जोनागुडा गांव के पास माओवादियों की बटालियन टारम और पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) माओवादियों ने ज्वॉइंट पेट्रोलिंग टीम पर हमला बोल दिया। जिसके दोनों तरफ से भारी फायरिंग हुई।