न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): Chhattisgarh Polls: आगामी विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में वापसी की उम्मीद कर रही भारतीय जनता पार्टी ने बीते गुरुवार (17 अगस्त 2023) को दुर्ग के सांसद विजय बघेल (Vijay Baghel) समेत उन 21 सीटों के लिये अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की, जहां उन्हें पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था।
लिस्ट में 16 नये चेहरे हैं, जिनमें से ज्यादातर जिला पंचायत निकायों के प्रतिनिधि हैं, जबकि पांच उम्मीदवार पूर्व विधायक हैं। लिस्ट में पांच महिलाएं शामिल हैं। 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिये चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अभी नहीं की गयी है। भाजपा ने जिन 21 सीटों के लिये उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें से दस अनुसूचित जनजाति (एसटी) और एक अनुसूचित जाति (एससी) के लिये रिजर्व हैं। ये सभी 21 सीटें फिलहाल कांग्रेस के पास हैं।
दुर्ग सांसद विजय बघेल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के विधानसभा क्षेत्र पाटन से चुनाव लड़ेंगे। विजय बघेल ने साल 2008 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से भूपेश बघेल को हराया था लेकिन साल 2013 में वो भूपेश बघेल से हार गये। विजय बघेल आगामी चुनावों के लिये भाजपा की 31 सदस्यीय ‘घोषणा पत्र समिति’ या चुनाव घोषणा पत्र समिति के भी प्रमुख हैं।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री रामविहार नेताम रामानुजगंज (एसटी) सीट से चुनाव लड़ेंगे जहां उन्हें साल 2013 में मौजूदा कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। विजय बघेल और नेताम दोनों ने साल 2018 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। भाजपा प्रवक्ता देवलाल हलवा ठाकुर डौंडी लोहारा (एसटी) सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि पूर्व विधायक संजीव शाह मोहला-मानपुर (एसटी) से, श्रवण मरकाम सिहावा (एसटी) से और लखनलाल देवांगन कोरबा सीटों से चुनावी मैदान में उतरेगें। राजनांदगांव जिला पंचायत अध्यक्ष गीता घासी साहू को खुज्जी सीट से मैदान में उतारा गया है, जबकि राजनांदगांव जिला पंचायत के उपाध्यक्ष, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के भतीजे विक्रांत सिंह खैरागढ़ सीट से चुनाव लड़ेंगे।
बस्तर जिला (Bastar District) पंचायत के उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप को बस्तर-एसटी सीट से, सूरजपुर जिला पंचायत की सदस्य लक्ष्मी राजवाड़े को भटगांव सीट से, महासमुंद जिला पंचायत की सदस्य अलका चंद्राकर को खल्लारी सीट से और गरियाबंद जिला पंचायत के सदस्य रोहित साहू को राजिम सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है।
भाजपा की राज्य इकाई की उपाध्यक्ष और महासमुंद जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष सरला कोसरिया को सरायपाली-एससी सीट से नामांकित किया गया है। प्रतापपुर-एसटी सीट से भाजपा की बलरामपुर जिला महिला शाखा की अध्यक्ष शकुंतला सिंह पोर्थे, भाजपा के कांकेर जिला एसटी विंग के अध्यक्ष और पूर्व जनपद पंचायत सदस्य आशाराम नेताम को कांकेर-एसटी सीट से। लिस्ट में अन्य उम्मीदवार भूलन सिंह मरावी (प्रेमनगर सीट से), प्रभोज मिंज (लुंड्रा-एसटी), महेश साहू (खरसिया), हरिश्चंद्र राठिया (धरमजयगढ़-एसटी), प्रणव कुमार परपछी (मरवाही-एसटी) और इंद्रकुमार साहू (अभनपुर) को भी जगह दी गयी है।
राजिम से रोहित साहू ने पिछला साल 2018 विधानसभा चुनाव जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के टिकट पर इसी इलाके से लड़ा था। वो एक साल से ज्यादा समय पहले भाजपा में शामिल हुए थे। ऐसा लगता है कि भाजपा ने पहली लिस्ट में उन सीटों के लिये उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जहां उम्मीदवारों को लेकर पार्टी के भीतर ज्यादा मतभेद नहीं थे। साल 2018 में भगवा पार्टी को सभी 21 सीटों पर हार मिली थी, यहां तक कि साल 2013 में (जब उसने राज्य में सत्ता बरकरार रखी थी) उसे इनमें से 16 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इतनी जल्दी उम्मीदवारों की घोषणा से उन उम्मीदवारों को फायदा होगा जिनके पास तैयारी के लिए काफी समय होगा।
ज्यादातर सीटों पर जिला पंचायत के प्रतिनिधियों को मैदान में उतारा गया है, जिससे पता चलता है कि भाजपा पुराने चेहरों की जगह दूसरे दर्जे के नेताओं को ला रही है। लिस्ट में चार उम्मीदवार साहू समुदाय से और दो कुर्मी समुदाय से हैं। ये दोनों समुदाय राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में काफी अहम जगह रखते हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इन 21 सीटों में से 19 कांग्रेस ने जीती थीं और जेसीसी (जे) के खाते में मरवाही और खैरागढ़ की सीटें आयी थी।
उस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit jogi) ने मरवाही और देवव्रत सिंह ने खैरागढ़ में जीत हासिल की थी। हालांकि जोगी और सिंह की मृत्यु के बाद उपचुनाव में दोनों सीटों पर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कब्जा कर लिया। भाजपा इन 21 सीटों पर बहुत मजबूत नहीं है, इसलिए उम्मीदवारों की घोषणा जल्दी कर दी गयी ताकि उन्हें लोगों के बीच जाने और उनसे जुड़ने के लिये पर्याप्त समय मिल सके।
साल 2018 में कांग्रेस ने कुल 90 सीटों में से 68 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा 15 सीटों के साथ दूसरे पायदान पर रही थी। जेसीसी (जे) को पांच और उसकी सहयोगी बसपा को दो सीटें मिली थीं। सूबे में फिलहाल कांग्रेस के पास फिलहाल 71 विधायक हैं।
सूची में जगह बनाने वाले उम्मीदवारों को बधाई देते हुए छत्तीसगढ़ भाजपा प्रमुख अरुण साव (Chhattisgarh BJP chief Arun Saw) ने कहा कि उनकी पार्टी ने इस लिस्ट के साथ चुनावी बिगुल बजा दिया है और जीत की ओर एक कदम बढ़ाया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज (Chhattisgarh Congress President Deepak Baij) ने अपनी ओर से कहा कि ये सभी 21 उम्मीदवार अपनी जमानत खो देंगे।